त्योहार का मौसम
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ऐ सुनो!
तुम कहते हो
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ऐ सुनो!
हमारी बातें, त्योहार का मौसम
कब आएगा, बताओ ये मौसम?
हज़ारों बातें, मीठी यादें
अब भी बंद है
लकड़ी वाली पिटारी में
जिसकी कुंजी खो गई थी
पिछले बरस के त्योहार में
ढेरों किस्से, मेरे हिस्से
तह पड़े मेरी पिटारी में
उमर ठिठकी, बरस बीता
फिर भी न आता, ये त्योहार क्यों?
ऐ कहो!
कब तुड़वाने लाऊँ पिटारी
कब तक रखूँ सँभाल के?
दीवाली बीती, होली बीती
बीता सावन, भादो भी
अब भी नहीं आता
बोलो ये त्योहार क्यों?
ऐ सुनो!
तुम कहते हो
हमारी बातें, त्योहार का मौसम
- जेन्नी शबनम (13. 8. 2012)
बताओ, कब आएगा
ये त्योहार का मौसम।
- जेन्नी शबनम (13. 8. 2012)
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13 टिप्पणियां:
उमर ठिठकी
बरस बीता
फिर भी न आता
ये त्योहार क्यों?
सार्थक प्रश्न करती
सुन्दर भावमय प्रस्तुति.
हृदय में जब तक उल्लास न
हो,त्यौहार अर्थहीन ही रहता है.
तुम आओ तो आएगा ये त्योहारों वाला मौसम....
है न???
अनु
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
ऐ सुनो
तुम कहते हो
हमारी बातें
त्योहार का मौसम
कब आएगा......behad khoobsurat likhi hain.....
Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
***HAPPY INDEPENDENCE DAY***
सच है त्योहार का मौसम आगया..
सुन्दर रचना बधाई
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उत्कृष्ट रचना
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मीठी यादों से सजी त्योहार और उनसे जुडी बातें सचमुच एक बीता और दुसरे ने दस्तक दी आपने सभी तीज त्यौहार की याद दिला दी
Festival season is beautiful and a great family time. Beautiful and emotional poem.:)
इंतज़ार कीजिए...आएगा अवश्य....त्योहारों का मौसम .
हज़ारों बातें
मीठी यादें
अब भी बंद है
लकड़ी वाली पिटारी में
जिसकी कुंजी खो गई थी
पिछले बरस के त्योहार में
बहुत खूब लिखा है.
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