होली मइया 
(होली पर 21 हाइकु) 
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1. 
उन्मुक्त रंग   
ऋतुराज बसन्त    
फगुआ गाते।   
2. 
बन्धन मुक्त   
भेदभाव से मुक्त,   
होली सन्देश।   
3. 
फगुआ आया   
फूलों ने खिलकर   
रंग बिखेरा।   
4. 
घुँघट काढ़े   
पी की राह अगोरे   
बावरी प्रिया।   
5. 
कैसी ये होली   
नइहर वीरान   
अम्मा न बाबा।   
6. 
माँ को ले गया,   
वक़्त बड़ा निष्ठुर   
होली ले आया।   
7. 
झूम के गाओ   
जोगीरा सा-रा रा-रा   
रंग चिहुँका।   
8. 
रंग गुलाल   
पुआ व पकवान   
होली के यार।   
9. 
होली का पर्व   
सरहद पे पिया,   
कैसे मनाऊँ?   
10. 
मलो गुलाल   
चढ़ा प्रेम का रंग,   
मिटा मलाल।   
11. 
भूलाके रार   
खेलो होली त्योहार,   
ज़िन्दगी छोटी।   
12. 
लेकर आईं   
उत्सव की स्मृतियाँ   
होली का दिन।   
13. 
कैसे थे दिन   
नाचती थीं हवाएँ   
होली के संग।   
14. 
अबकी होली   
पीर लिए है आई   
नहीं है माई।   
15. 
द्वार पे खड़ी   
मनुहार करती   
रँगीली होली।   
16. 
आज के दिन   
होली दुःखहारिणी   
पीर हरती।   
17. 
नशे में धुत्त   
भाँग पीके नाचती   
होली नशेड़ी।   
18. 
होली की दुआ-   
अशुभ का नाश हो   
साल शुभ हो!   
19. 
ठिठका रंग   
देख जग का रंग   
आहत होली।   
20. 
होली का दिन   
मुँह लटका, खड़ा   
टेसू का फूल।   
21. 
होली मइया,   
मन में पीर बड़ा   
रीसेट करो।   
-जेन्नी शबनम (28.3.2021)
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6 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर हाइकु प्रस्तुति।
रंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
बहुत बढ़िया हाइकु रचनाएँ
रंगीन अभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
फगुआ म होरे के अतना रंग बिखेर देले ह दिदिया । होरी म माइयो के याद आ गइल ...ईहो एगो रंगे बा जिनगी के सच्चाई के ।
आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
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