हथेली गरम-गरम
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रात हो मतवाली-सी
सपने पके नरम-नरम
सुबह हो प्यारी-सी
दिन हो रेशम-रेशम
मन में चाहे ढेरों संशय
रस्ता दिखे सुगम-सुगम
सुख-दुःख दोनों जीवन है
मन समझे सहज-सहज
जीवन में बना रहे भरम
खुशियाँ हों सब सरल-सरल
कम न पड़े कोई भी छाँव
रिश्ते सँभालो सँभल-सँभल
चाहे गुज़रे कोई पहर
हाथ में एक हथेली गरम-गरम।
- जेन्नी शबनम (12. 10. 2021)
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