बुरी नज़र
*******
कुछ ख़ला-सी रह गई ज़िन्दगी में
जाने किसकी बददुआ लग गई मुझको
कहते थे सभी कि ख़ुद को बचा रखूँ बुरी नज़र से
हमने तो रातों की स्याही में ख़ुद को छुपा रखा था।
- जेन्नी शबनम (10. 7. 2009)
_________________________________
*******
कुछ ख़ला-सी रह गई ज़िन्दगी में
जाने किसकी बददुआ लग गई मुझको
कहते थे सभी कि ख़ुद को बचा रखूँ बुरी नज़र से
हमने तो रातों की स्याही में ख़ुद को छुपा रखा था।
- जेन्नी शबनम (10. 7. 2009)
_________________________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें