मेरे साथ-साथ चलो
*******
तुम कहते हो तो चलो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो,
मुझे भी देखनी है वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो।
तुमने तो महसूस किया है
जलते सूरज की नर्म किरणें
तपते चाँद की शीतल चाँदनी
तुमने तो सुना है
*******
तुम कहते हो तो चलो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो,
मुझे भी देखनी है वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो।
तुमने तो महसूस किया है
जलते सूरज की नर्म किरणें
तपते चाँद की शीतल चाँदनी
तुमने तो सुना है
हवाओं का प्रेम गीत
नदियों का कलरव
तुमने तो देखा है
फूलों की मादक मुस्कान
तुमने तो देखा है
फूलों की मादक मुस्कान
जीवन का इन्द्रधनुष।
तुम तो जानते हो
शब्दों को कैसे जगाते हैं और
मनभावन कविता कैसे रचते हैं,
यह भी जान लो मेरे मीत
जो बातें अनकहे मैं तुमसे कहती हूँ
और जिन सपनों की मैं ख़्वाहिशमंद हूँ।
मैं भी जीना चाहती हूँ, उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो और मेरे लिए चाहते हो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो।
- जेन्नी शबनम (12. 12. 2010)
_________________________
तुम तो जानते हो
शब्दों को कैसे जगाते हैं और
मनभावन कविता कैसे रचते हैं,
यह भी जान लो मेरे मीत
जो बातें अनकहे मैं तुमसे कहती हूँ
और जिन सपनों की मैं ख़्वाहिशमंद हूँ।
मैं भी जीना चाहती हूँ, उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो और मेरे लिए चाहते हो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो।
- जेन्नी शबनम (12. 12. 2010)
_________________________
6 टिप्पणियां:
तुम कहते हो तो चलो
पर एक कदम फासले पे नहीं
मेरे साथ साथ चलो,
मुझे भी देखनी है
वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो !
--
प्रेरणा देती हुई बहुत सुन्दर रचना!
मैं भी जीना चाहती हूँ
उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो
और मेरे लिए चाहते हो,
पर एक कदम फासले पे नहीं
मेरे साथ साथ चलो !
....
mujhe bhi jeene do
मैं भी जीना चाहती हूँ
उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो
और मेरे लिए चाहते हो,
पर एक कदम फासले पे नहीं
मेरे साथ साथ चलो !
Bahut,bahut sundar!Yahi to sahjeevan hota hai!
तुम कहते हो तो चलो
पर एक कदम फासले पे नहीं
मेरे साथ साथ चलो,
मुझे भी देखनी है
वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो ...
क्या बात है ... जीवन में साथ साथ चलना कितना सुख देता है ...
मेरे साथ चलो -कविता में जीवन के विभिन्न शेद्स नज़र आते हैं । शब्द -चयन की कुशलता कविता का प्राण तत्त्व है , जो इन पंक्तियों में साफ़ नज़र आता है -
तुमने तो महसूस किया है
जलते सूरज की नर्म किरणें
तपते चाँद की शीतल चाँदनी,
तुमने तो सुना है
हवाओं का प्रेम गीत
नदियों का कलरव'सूरज की नर्म किरणें और तपता हुआ चाँद नया प्रयोग है , जो भाव को और अधिक ग्राह्य बना देता है । लगातार अच्छी कविताएँ लिखकर आप हिन्दी का भण्डार भर रही हैं ।आपको बहुत-बहुत बधाई !
बहुत सुन्दर कविता है।
आभार
एक टिप्पणी भेजें