कृष्ण पधारे (कृष्ण जन्माष्टमी पर 7 हाइकु)
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1.
भादो अष्टमी
चाँद ने आँखें मूँदी
कृष्ण पधारे।
2.
पाँव पखारे
यशोदा के लाल के
यमुना नदी।
3.
रास रचाने
वृन्दावन पधारे
श्याम साँवरे।
4.
मृत्यु निश्चित
अवतरित कृष्ण
कंस का भय।
5.
मथुरा जेल
बेड़ियों में देवकी
कृष्ण का जन्म।
6.
अवतरित
धर्म की रक्षा हेतु
स्वयं ईश्वर।
7.
सात बहनें
परलोक सिधारी
मोहन जन्मे।
- जेन्नी शबनम (10. 8. 2012)
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12 टिप्पणियां:
ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
!!!!!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!!!!!
!!!!!!!!!! हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !!!!!!!!!
ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभ-कामनाएं
हाइकु के माध्यम से कृष्ण कथा की कई छवियाँ आपने उकेरी हैं. कुछ छवियाँ पुरानी होते हुए भी नए रंग में हैं. विशेषकर चौथा और सातवाँ हाइकु. बहुत सुंदर.
अनूठा कृष्ण प्रेम, अनूठी वंदना, अद्भुत सहज स्वरूपों का वर्णन
AAPAKE KRISHNA BHAKTI KO PRANAM
bhaut khubsurat abhiyakti....janmastmi ki hardik shubhkamnaaye.....
सभी बढ़िया हाइकू है!
एक से बढ़ कर एक..बहुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति..
सुंदर हाइकू
त्रिपदों में
कान्हा बिराजे !
सात बहनें
परलोक सिधारी
मोहन जन्मे !... प्रभु से पहले त्रासदी !
आप पर श्रीकृष्ण जी की कृपा बनी रहे ।मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जन्माष्टमी के अवसर पर सुंदर और प्रासंगिक हाइकु.. कम शब्दों में पूरी कहानी..
Haardik Shubh Kaamnayen.
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कितनी बदल रही है हिन्दी!
कृष्ण जन्माष्टमी को हाइकू में लाजवाब तरीके से उतारा है आपने ...
सभी लाजवाब चित्र खडा कर रहे हैं ...
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