सोमवार, 7 जनवरी 2013

377. क्रान्ति-बीज बन जाना (पुस्तक 59)

क्रान्ति-बीज बन जाना


***


रक्त-बीज से पनपकर 

कोमल पंखुड़ियों-सी खिलकर 

सूरज को मुट्ठी में भर लेना  

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना। 


नाज़ुक हथेलियों पर  

अंगारों की लपटें दहकाकर 

हिमालय को मन में भर लेना  

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना 


कोमल काँधे पर  

काँटों की फ़सलें उगाकर 

फूलों को दामन में भर लेना 

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना 


मन की सरहदों पर

सन्देहों के बाड़ लगाकर

प्यार को सीने में भर लेना 

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना। 

  

जीवन-पथ पर 

जब वार करे कोई अपना बनकर 

नश्तर बन पलटवार कर देना   

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना। 


अनुकम्पा की बात पर 

भिड़ जाना इस अपमान पर  

बन अभिमानी भले जीवन हार देना

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना   


सिर्फ़ अपने दम पर 

सपनों को पंख लगाकर 

हर हार को जीत में बदल देना 

तुम क्रान्ति-बीज बन जाना। 



-जेन्नी शबनम (7.1.2013)
[पुत्री के 13वें जन्मदिन पर]
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24 टिप्‍पणियां:

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

लड़कियों को बचपन से ही आत्मरक्षा की ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से दी जाये। हर जगह पुलिस का पहरा नहीं लगाया जा सकता .

badhiya soch.

Saras ने कहा…

इश्वर तुम में वह ताप, वह ढृढ़ता ,वह आत्म विश्वास, वह स्वाभिमान भर दे ....और तुम सदा विजयी हो ...बहुत सुन्दर जेनी जी...!

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

bahut sundar rachna .......ab vakt hai kranti bij ban jane ki

रविकर ने कहा…

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवार के चर्चा मंच पर ।।

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुंदर और जोश जगाने वाली रचना।

kshama ने कहा…

Bahut hee sundar rachana!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति !!

बेनामी ने कहा…

प्रेरक प्रस्तुति

रश्मि प्रभा... ने कहा…

मन की सरहदों पर
संदेहों के बाड़ लगाकर
प्यार को सीने में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना ! .... मैं साथ हूँ इस सिंचन में

आशा बिष्ट ने कहा…

achhe shabd..

शारदा अरोरा ने कहा…

jabardast kranti sikha rahin hain aap ..mast.

आर्यावर्त डेस्क ने कहा…

प्रभावी,
शुभकामना,

जारी रहें !!


आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज)

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर....
घाव पर मलहम की तरह....

सादर
अनु

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

जीवन पथ पर
जब वार करे कोई अपना बनकर
नश्तर बन पलटवार कर देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना,,,

बहुत शानदार प्रेरक अभिव्यक्ति,,,

recent post: वह सुनयना थी,

Maheshwari kaneri ने कहा…

सटीक और ओजपूर्ण प्रस्तुति..

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

अनुकम्पा की बात पर
भिड़ जाना इस अपमान पर
बन अभिमानी भले जीवन हार देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !
- आज की स्थितियों में यही संदेश सबसे सही है !

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

इस रचना की सराहना के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद. यूँ तो यह रचना मैंने अपनी बेटी के जन्मदिन पर लिखी है लेकिन इस रचना के माध्यम से तमाम बेटियों तक अपनी बात पहुँचाना चाहती हूँ. सभी का शुक्रिया और शुभकामनाएँ.

Dr. Shorya ने कहा…

bahut achha likha h aapne

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

अनुकम्पा की बात पर
भिड़ जाना इस अपमान पर
बन अभिमानी भले जीवन हार देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !

सिर्फ अपने दम पर
सपनों को पंख लगा कर
हर हार को जीत में बदल देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !

आज की परिस्थिति यह सही सन्देश सभी बेटियों के लिए.
New post: अहँकार

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत ख़ूब वाह!

Vinay ने कहा…

अति सुंदर कृति
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सदा ने कहा…

सिर्फ अपने दम पर
सपनों को पंख लगा कर
हर हार को जीत में बदल देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !

ये भाव हर मां के मन में यूँ ह‍ी पल्‍लवित एवं पोषित होता रहे ...
आभार

मनोज कुमार ने कहा…

हमारे पेरेण्ट्स कवि क्यों नहीं थे।
इससे बढिया गिफ़्ट जन्म दिन पर क्या हो सकता है!

G.N.SHAW ने कहा…

एक सफल माँ से बेहतर क्रांति - बीज कोई हो ही नहीं सकता | बिटिया को जन्म दिन की बधाई |आप को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं |