धूप
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1.
सूर्य जो जला   
किसके आगे रोए  
ख़ुद ही आग। 
2.
घूमता रहा 
सारा दिन सूरज 
शाम को थका। 
3.
भुट्टे-सी पकी
सूरज की आग पे    
फ़सलें सभी।
4.
जा भाग जा तू!
जला देगी तुझको  
शहर की लू।
5.
झुलसा तन 
झुलस गई धरा 
जो सूर्य जला।
6.
जल-प्रपात 
सूर्य की भेंट चढ़े 
सूर्य शिकारी।
7.
धूप खींचता 
आसमान से दौड़ा,
सूरज घोड़ा।
8.
ठंडे हो जाओ 
हाहाकार है मचा 
सूर्य देवता।
9.
असह्य ताप 
धरती कर जोड़े- 
'मेघ बरसो!'
10.
माना सबने- 
सर्वशक्तिमान हो 
शोलों को रोको।
11.
ख़ुद भी जले  
धरा को भी जलाए  
प्रचण्ड सूर्य।
12.
हे सूर्य देव!
कर दो हमें माफ़  
गुस्सा न करो।
13.
आग उगली  
बादल जल गया 
सूरज दैत्य।
14.
झुलस गया 
अपने ही ताप से 
सूर्य बेचारा।
15.
धूप के ओले  
टप-टप टपके 
सूरज फेंके।
- जेन्नी शबनम (1. 6. 2013)
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15 टिप्पणियां:
सूरज के प्रचंड गर्मी का ब्यौरा.....
बहुत खुबसूरत हाइकू !!
सूरज के प्रचंड गर्मी का ब्यौरा.....
बहुत खुबसूरत हाइकू !!
सूरज की दादागीरी
चलती नहीं जब चौमासे में ,
ओढ़ता धुँधलाई कथरी !
बहुत खूब .... सूर्य पर बढ़िया हाइकु ।
नीरद पीछे
छिप गया सूरज
घटा बरसी ।
बहुत सुन्दर..
बहुत सुंदर हाइकू
SURYA PAR LIKHEE CHHOTEE - CHHOTEE
BEMISAAL KAVITAAYEN HAIN .
बहुत ही प्रभावी हैं सभी हाइकू ..
अपनी पात को स्पष्ट कहा है आपने ...
bahut sundar........
वाह - बहुत खूब
"धूप के ओले
टप-टप टपके
सूरज फेंके!"
सूरज के दहकते चित्र !
इन त्रिपदियों की आंच भाती है।
बहुत ही अच्छे. सार्थक हाइकु...धूप का चित्र खींचते हुए....हार्दिक बधाई!
धूप खींचता
आसमान से दौड़ा,
सूरज घोड़ा !
क्या बात है .... एक से बढ़कर एक हाइकू ...
बहुत सुन्दर हाइकू
आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति को कल रविवार, दिनांक 28/07/13 को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in पर प्रसारित किया जाएगा ... साभार सूचनार्थ
sabhi haayku achchhe lage
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