शनिवार, 17 अगस्त 2013

416. माथे पे बिंदी (11 हाइकु) पुस्तक 42,43

माथे पे बिंदी 

*******

1.
माथे की बिंदी 
आसमान में चाँद 
सलोना रूप। 

2.
लाल बिंदिया 
ज्यों उगता सूरज
चेहरा खिला

3.
ऋषि कहते 
कपाल पर बिंदी 
सौभाग्य-चिह्न

4.
झिलमिलाती 
भोर की लाली-जैसी 
माथे की बिंदी

5.
मुख चमके 
दिप-दिप दमके 
लाल बिंदी से

6.
सिन्दूरी बिंदी 
सूरज-सी चमके
गोरी चहके

7.
माथे पे बिंदी 
सुहाग की निशानी 
हमारी रीत 

8.
अखण्ड भाग्य 
सौभाग्य का प्रतीक 
छोटी-सी बिंदी

9.
माथे पे सोहे 
आसमाँ पे चन्दा ज्यों 
मुस्काती बिंदी

10.
त्रिनेत्र जहाँ 
शिव के माथे पर 
वहीं पे बिंदी

11.
महत्वपूर्ण 
ज्यों है भाषा में बिंदी
त्यों स्त्री की बिंदी

- जेन्नी शबनम (10. 10. 2012)
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11 टिप्‍पणियां:

अनुपमा पाठक ने कहा…

बिंदी की महिमा!
वाह!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कवि बिहारी ने ठीक ही कहा है -
'कहत सबै बेंदी दिए अंक दस गुनो होत ।
तिय लिलार बेंदी दिए अगनित होत उदोत ।'

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कवि बिहारी ने ठीक ही कहा है -
'कहत सबै बेंदी दिए अंक दस गुनो होत ।
तिय लिलार बेंदी दिए अगनित होत उदोत ।'

yashoda Agrawal ने कहा…

शुभ प्रभात
प्यारी-प्यारी लाईने
कहलाती है हाईकू
पता नहीं काईकू
....
काफी दिनों के बाद दर्शन हुए आपके
अच्छा लगा
सादर

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

महत्वपूर्ण
ज्यों है भाषा में बिंदी
त्यों स्त्री की बिंदी !

वाह जेनी जी ! बिंदी पर बहुत खुबसूरत हाइकु
latest os मैं हूँ भारतवासी।
latest post नेता उवाच !!!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर हाइकू,,

RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.

Maheshwari kaneri ने कहा…

बिन्दी पर बहुत सुन्दर हायकू..

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

सुन्दर सृजन....
:-)

विभूति" ने कहा…

khubsurat bindiyan.....behtreen....

Ramakant Singh ने कहा…

एक से ग्यारह बेहतरीन हाइकु जिंदगी से जुड़े सौभाग्य की कहानी कहते

सहज साहित्य ने कहा…

माथे की बिन्दी पर इतनी सारी मधुरिम कल्पनाएँ ! बहुत खूब ! यह हाइकु तो बहुत गहरे भाव लिये है-1.
माथे की बिंदी
आसमान में चाँद
सलोना रूप !