मंगलवार, 18 मार्च 2014

446. फगुआ रंग (होली पर 7 हाइकु) पुस्तक 51, 52

फगुआ रंग 

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1.
फगुआ रंग
मन हुआ मलंग
गाए तरंग।

2.
चटख रंग
अंग-अंग में लगे
मन बहके

3.
हवाएँ झूमी   
आसमान ने फेंके 
रंग गुलाबी। 

4.
बिखर गई
छटा इन्द्रधनुषी 
होली का दिन।  

5.
मन चहका 
देख के रंग पक्का 
चढ़ा फगुआ। 

6.
कैसी ये होली 
तक़दीर ने खेली 
छाई उदासी। 

7.
हुई बावरी 
भरके पिचकारी 
पिया पे डारी। 

- जेन्नी शबनम (15. 3. 2014)
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6 टिप्‍पणियां:

Digvijay Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना बुधवार 19 मार्च 2014 को लिंक की जाएगी...............
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

सहज साहित्य ने कहा…

होली के सभी हाइकु कम से कम शब्दों से अधिकतम अभिव्यक्ति लिये हुए हैं। हार्दिक बधाई जेन्नी जी !

Aditi Poonam ने कहा…

होली की सुंदर छटा बिखेरते रंग-बिरंगे हाइकू
होली की हार्दिक शुभ-कामनाएं जेन्नी जी

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर फगुआ के हाइकू ...!
सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाए ....
RECENT पोस्ट - रंग रंगीली होली आई.

Anupama Tripathi ने कहा…

विविध रंग लिए बहुत सुंदर हाइकु जेन्नी जी ...!!

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और रंगीन हाइकु...होली की शुभकामनायें!