रिश्तों की डोर
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1.
हो गए दूर
सम्बन्ध अनमोल
बिके जो मोल।
2.
रक्षा का वादा
याद दिलाए राखी
बहन-भाई।
3.
नाता पक्का-सा
भाई की कलाई में
सूत कच्चा-सा।
4.
पवित्र धागा
सिखाता है मर्यादा
जोड़ता नाता।
5.
अपनापन
अब भी है दिखता
राखी का दिन।
6.
रिश्तों की डोर
खोलती दरवाज़ा
नेह का नाता।
7.
भाई-बहन
भरोसे का बंधन
अभिनंदन।
8.
ख़ूब खिलती
चमचमाती राखी
रक्षाबंधन।
9.
त्योहार आया
भइया परदेशी
बहना रोती।
10.
रक्षक भाई
बहना है पराई
राखी मिलाई।
- जेन्नी शबनम (7. 8. 2017)
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3 टिप्पणियां:
सुन्दर हाइकु
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (09-08-2017) को "वृक्षारोपण कीजिए" (चर्चा अंक 2691) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
अतिसुन्दर रचना! जीवन को एक नया आयाम देती हुई।
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