स्वाद / बेस्वाद
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1.
इश्क़ का स्वाद
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तेरे इश्क़ का स्वाद
मीठे पानी के झरने-सा
प्यास से तड़पते राही को
इक घूँट भर भी मिल जाए
पीर-पैगंबर की दुआ
क़ुबूल हो जाए।
2.
तेरा स्वाद
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एक घूँट इश्क़
और तेरा स्वाद
अस्थि-मज्जा में जा घुला
जिसके बिना
जीवन नामुमकिन।
3.
स्वाद चख लिया
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उस रोज़ नथुनों में समा गई
रजनीगंधा की ख़ुशबू
जो तेरे बदन को छूती हुई
मुझसे आकर लिपट गई थी
और मेरी साँसों में तू ठहर गया था
रजनीगंधा की ख़ुशबू अब भी आती है
और मुझे छूकर गुज़र जाती है
पर कोई और ख़ुशबू अब मुझे भाती नहीं
तेरा स्वाद मेरे मन ने
एक बार चख जो लिया है।
4.
मर्ज़ी का स्वाद
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तेरी बातें तेरी मर्ज़ी
तेरी दीद तेरी मनमर्ज़ी
तेरी मर्जी तेरी मनमर्ज़ी
इसमें कहाँ मेरी मर्ज़ी
तेरी मर्ज़ी का स्वाद बड़ा ही तीखा
भा गई मुझको तेरी मर्ज़ी
अब तेरी मर्ज़ी मेरी मर्ज़ी।
5.
जीवन का स्वाद
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जीवन का स्वाद
मैंने घूँट-घूँट पीकर लिया
एक घूँट तेरे वास्ते बचाकर रखा है
गर मिलो कभी तुम
वह घूँट तुम पी लेना
मेरी ज़िन्दगी की कड़वाहट
तुम भी जी लेना।
6.
स्वाद भरी ज़िन्दगी
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कुछ खट्टी कुछ मीठी
स्वाद से भरी मेरी ज़िन्दगी
थोड़ी नरम थोड़ी गरम
गुलगुले-सी मेरी ज़िन्दगी
आओ थोड़ा तुम भी चख लो
एक और स्वाद का मजा ले लो।
7.
बेस्वाद इश्क़
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तेरा स्वाद बदन में घुल गया था
जब इश्क़ का जाम पिया मैंने
अब सब बेस्वाद हो गया है
जब से तेरा इश्क़
कहीं और आबाद हुआ है।
8.
स्वाद बह जाए
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झामे से खुरच-खुरचकर
पूरे बदन को छील दिया है
कि रिसते लहू के साथ
तेरे इश्क़ का स्वाद बह जाए।
9.
कसैला स्वाद
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तेरे इश्क़ का स्वाद
कितना कसैला है
जब-जब तेरी याद आई
उबकाई-सी आती है।
10.
ज़िन्दगी का कसैला स्वाद
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कैसी कसक थी
झिझक में जीती रही
कहने की बेताबी
मगर कभी कह न सकी
दर्दे ए एहसास नहीं रेशमी
मेरे अल्फ़ाज़ हो गए काग़ज़ी
जाने किस चूल्हे पर पकी क़िस्मत
जो ज़िन्दगी का स्वाद कसैला हुआ।
- जेन्नी शबनम (22. 5. 2020)
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8 टिप्पणियां:
कैसी कसक थी
झिझक में जीती रही
कहने की बेताबी
मगर कभी कह न सकी
दर्दे ए एहसास नहीं रेशमी
मेरे अल्फ़ाज़ हो गए कागजी
जाने किस चूल्हे पर पकी किस्मत
जो ज़िन्दगी का स्वाद कसैला हुआ।
सभी बहुत ही खूबसूरत है ,लाजवाब ,संवेदनशील रचना
रजनीगंधा हमारा प्रिय पुष्प है। सार्थक क्षणिकाएँ।
सुंदर क्षणिकाएं !
जीवन का स्वाद
मैंने घूँट-घूँट पीकर लिया
एक घूँट तेरे वास्ते बचा कर रखा है
गर मिलो कभी तुम
वह घूँट तुम पी लेना
मेरी ज़िन्दगी की कड़वाहट
तुम भी जी लेना। ... वाह!लाजवाब सृजन जीवन के सम्पूर्ण सार को एक घूँट में भर दिया आदरणीया दीदी जी.
सादर
बढ़िया रचनाएँ
जीवन के धरातल पर अंकित सुन्दर क्षणिकाएँ।
सुंदर क्षणिकाएं
बहुत सुन्दर
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