मंगलवार, 24 फ़रवरी 2009

19. अनुत्तरित प्रश्न है (क्षणिका)

अनुत्तरित प्रश्न है 

*******

अनुत्तरित प्रश्न है-
अहमियत क्या है मेरी?
कच्चा गोश्त हूँ, पिघलता जिस्म हूँ
बेजान बदन हूँ, भटकती रूह हूँ
या किसी के ख़्वाहिशों की बुत हूँ?
क्या कभी किसी के लिए इंसान हूँ?

- जेन्नी शबनम (21. 2. 2009)
_________________________

कोई टिप्पणी नहीं: