प्यारी-प्यारी माँ    
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1.   
माँ की ममता   
नाप सके जो कोई   
नहीं क्षमता।   
2.   
अम्मा के बोल   
होते हैं अनमोल   
मत तू भूल।   
3.   
सब मानती   
बिन कहे जानती   
प्यारी-प्यारी माँ।   
4.   
दुआओं भरा   
ख़ज़ानों का भंडार   
माँ का अँचरा।   
5.   
प्रवासी पूत   
एक नज़र देखूँ,   
माँ की कामना।   
6.   
घरौंदा सूना   
पाखी-से उड़े बच्चे   
अम्मा उदास।   
7.   
माँ ने खिलाया   
हर एक निवाला   
नेह से भीगा।   
8.   
हुलसा मन   
लौटा प्रवासी पूत   
माँ का सपूत।   
9.   
प्रवासी पूत   
गुज़र गई अम्मा   
मिला न कंधा।   
10.   
माँ की मुराद   
फूलों-सा मुस्कुराएँ    
हमारे बच्चे!   
- जेन्नी शबनम (13. 5. 2018)   
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7 टिप्पणियां:
मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाओं सहित , आज सलिल वर्मा जी ले कर आयें हैं ब्लॉग बुलेटिन की २०५० वीं पोस्ट ... तो पढ़ना न भूलें ...
" जिसको नहीं देखा हमने कभी - 2050वीं ब्लॉग-बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
माँ पर बहुत सुंदर, माँ जैसे ही प्यारे से हाइकू....सादर।
बहुत सुन्दर सामयिक प्रस्तुति
सुन्दर हाइकू
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १४ मई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
बहुत सुन्दर ! एक कसक छोड़ जाती हैं ये क्षणिकाएँ. माँ की ममता की कोई थाह नहीं होती, उसके आँचल से घनी कोई छांह नहीं होती.
बहुत कमाल के हाइकू ...
माँ के प्रति हर बात कमाल की लिखी है आपने ...
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