मंगलवार, 5 मई 2020

660. सरेआम मिलना (तुकांत)

सरेआम मिलना 

*******  

अकेले मिलना अब हो नहीं सकता  
जब भी मिलना है सरेआम मिलना   

मेरे रंजों ग़म उन्हें भाते नहीं
फिर क्या मिलना और क्योंकर मिलना   

नहीं होती है रुतबे से यारी
इनसे दूरी भली फ़िजूल मिलना   

कब मिटते हैं नाते उम्र भर के
कभी आना अगर तो जीभर मिलना।   

काश! ऐसा मिलना कभी हो जाए
ख़ुद से मिलना और ख़ुदा से मिलना।   

ऐसा मिलना कभी तो हम सीखेंगे  
रूह से मिलना और दिल से मिलना   

ऐसा हुनर अब भी नहीं हम सीख पाए  
जो चुभाए नश्तर उससे अदब से मिलना   

रोज़ गुम होते रहे भीड़ में हम  
आसान नहीं होता ख़ुद से मिलना।   

ज़ीस्त की यादें अब सोने नहीं देती  
यूँ जाग-जागकर किससे मिलना?   

सच्ची बातें हैं चुभती बर्छी-सी  
'शब' तुम चुप रहना किसी से न मिलना।  

- जेन्नी शबनम (5. 5. 2020) 
_____________________ 

13 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

पास रहने से कोई लाभ नहीं यदि मन में दूरियां हो और एक बार यदि दूरी बन गयी तो फिर उसे पाटना आसान नहीं होता
सच्ची बात कहना कडुवा अनुभव भले ही हो लेकिन जिनकी प्रकृति सच्चाई की नींव पर खड़ी रहती है वे उसे ढहाते नहीं
बहुत अच्छी प्रस्तुति

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच्ची बातें सच में बहुत चुभती है ... चुप रहना तो ठीक पर मिलना न छोड़ना ... जीवन के अनुभव हैं जो अलग अलग अन्दाज़ में उतर आए हैं ... बहुत ख़ूब ...

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर = RAJA Kumarendra Singh Sengar ने कहा…

कब मिटते हैं नाते उम्र भर के
कभी आना अगर तो जीभर मिलना।
++
वाह-वाह... अब कोई कहाँ जी-भर के मिलता है. शायद मिलता ही नहीं अब कोई.

पवन शर्मा ने कहा…

वाह बेहतरीन...!

Meena Bhardwaj ने कहा…

सादर नमस्कार,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (08-05-2020) को "जो ले जाये लक्ष्य तक, वो पथ होता शुद्ध"
(चर्चा अंक-3695)
पर भी होगी। आप भी
सादर आमंत्रित है ।

"मीना भारद्वाज"

हमारीवाणी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हमारीवाणी ने कहा…

आपका ब्लॉग पहले ही हमारीवाणी पर मौजूद है, जिसका लिंक नीचे दिया गया है, कृपया अपने ब्लॉग पर लगे क्लिक कोड को हटाकर सही कोड हमारीवाणी से लेकर ब्लॉग पर लगा लें, अन्यथा ऑटो पोस्ट पब्लिश नहीं हो पाएगी।

http://hamarivani.com/blog_post.php?blog_id=1825

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

सराहना के लिए आप सभी का सादर धन्यवाद.

शाहनवाज़ जी, हमारी वाणी पर पोस्ट नहीं हो पा रहा था. फिर से कोड लगाया है. शायद अब हो जाए. शुक्रिया.

Kamini Sinha ने कहा…

लाज़बाब सृजन ,सादर नमस्कार

अनीता सैनी ने कहा…

वाह !बेहतरीन सृजन 👌

akhilesh shukla ने कहा…

बहुत ही सुंदर सृजन ।

मन की वीणा ने कहा…

वाह जेन्नी जी लाजवाब ,उमर्दा सृजन मोहक अंदाज।

How do we know ने कहा…

Bahut sundar!!