फगुआ
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1.
टेसू चन्दन
मंद-मंद मुस्काते
फगुआ गाते।
2.
होली त्योहार
बचपना लौटाए
शर्त लगाए।
3.
रंगों का मेला
खोया दर्द-झमेला,
नया सवेरा।
4.
याद दिलाते
मन के मौसम को
रंग-अबीर।
5.
फगुआ बुझा,
रास्ता अगोरे बैठा
रंग ठिठका।
6.
शूल चुभाता
बेपरवाह रंग,
बैरागी मन।
7.
रंज औ ग़म
रंग में नहाकर
भूले धरम।
8.
जाने क्या सोचा
मेरा हाल न पूछे
पावन रंग।
9.
रंग बिखरा
सिमटा न मुट्ठी में
मन बिखरा।
10.
रंग न सका
होली का सुर्ख़ रंग
फीका ये मन।
- जेन्नी शबनम (23. 3. 2016)
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6 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर हाइकु
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (26-03-2016) को "होली तो अब होली" (चर्चा अंक - 2293) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर हाइकु
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
फागुन की फुहार से हाइकू ...
बहुत मस्त ...
बहुत खूब....
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