मंगलवार, 27 अगस्त 2019

623. अकेले हम (5 हाइकु) पुस्तक 108,109

अकेले हम

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1.
ज़िन्दगी यही   
चलना होगा तन्हा   
अकेले हम।   

2.
राहें ख़ामोश   
सन्नाटा है पसरा   
अकेले हम।   

3.
हज़ारों बाधा   
थका व हारा मन   
अकेले हम।   

4.   
किरणें फूटीं   
भले अकेले हम   
नहीं संशय।   

5.   
उबर आए,   
गुमराह अँधेरा   
अकेले हम।   

- जेन्नी शबनम (21. 8. 2019)   
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2 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह सब के सब बहुत सुन्दर बन पड़े हैं जी

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें