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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021
716. ज़िन्दगी भी ढलती है
सोमवार, 29 मार्च 2021
715. होली मइया (होली पर 21 हाइकु)
सोमवार, 22 मार्च 2021
714. झील (झील पर 30 हाइकु)
झील
(झील पर 30 हाइकु)
गुरुवार, 18 मार्च 2021
713. अनाथ
शुक्रवार, 12 मार्च 2021
712. रिश्ते हैं फूल (रिश्ता पर 20 सेदोका)
सोमवार, 8 मार्च 2021
711. अब नहीं हारेगी औरत
अब नहीं हारेगी औरत
बुधवार, 27 जनवरी 2021
710. भोर की वेला (भोर पर 7 हाइकु)
भोर की वेला
बुधवार, 20 जनवरी 2021
709. बात इतनी सी है
बात इतनी सी है
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सोमवार, 11 जनवरी 2021
708. आकुल (5 माहिया)
आकुल
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गुरुवार, 7 जनवरी 2021
707. कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर
कम्फर्ट ज़ोन से बाहर
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मंगलवार, 5 जनवरी 2021
706. कहानियाँ (5 क्षणिका)
शुक्रवार, 1 जनवरी 2021
705. नूतन वर्ष (10 हाइकु)
गुरुवार, 31 दिसंबर 2020
704. मुट्ठी से फिसल गया
मुट्ठी से फिसल गया
रविवार, 20 दिसंबर 2020
703. तकरार
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020
702. गंगा (20 हाइकु)
गंगा
रविवार, 13 दिसंबर 2020
701. पत्थर या पानी
बुधवार, 2 दिसंबर 2020
700. स्त्री हूँ (10 क्षणिका)
बुधवार, 25 नवंबर 2020
699. दागते सवाल
सोमवार, 23 नवंबर 2020
698. भटकना (क्षणिका)
भटकना
मंगलवार, 17 नवंबर 2020
697. वसीयत
वसीयत
शनिवार, 14 नवंबर 2020
696. प्रकाश-पर्व (दीवाली पर 10 हाइकु)
प्रकाश-पर्व
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1.
धूम-धड़ाका
चारों ओर उजाला
प्रकाश-पर्व।
2.
फूलों-सी सजी
जगमग करती
दीयों की लड़ी।
3.
जगमगाते
चाँद-तारे-से दीये
घोर अमा में।
4.
झूमती गाती
घर-घर में सजी
दीपों की लड़ी।
5.
झिलमिलाता
अमावस की रात
नन्हा दीपक।
6.
फुलझड़ियाँ
पटाखे और दीये
गप्पे मारते।
7.
दीवाली बोली-
दूर भाग अँधेरे!
दीया है जला।
8.
रोशनी खिली
अँधेरा हुआ दुःखी
किधर जाए।
9.
दीया जो जला
सरपट दौड़ता
तिमिर भागा।
10.
रिश्ते महके
दीयों संग दमके
दीवाली आई।
-जेन्नी शबनम (14.11.2020)
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मंगलवार, 10 नवंबर 2020
695. जिया करो (तुकांत)
जिया करो
रविवार, 8 नवंबर 2020
694. हम (11 हाइकु) प्रवासी मन - 119, 120
हम
मंगलवार, 3 नवंबर 2020
693. कपट
कपट
शनिवार, 24 अक्टूबर 2020
692. दड़बा
बुधवार, 21 अक्टूबर 2020
691. देहाती
रविवार, 18 अक्टूबर 2020
690. चलते ही रहना (चोका - 14)
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गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020
689. इकिगाई
इकिगाई
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शनिवार, 10 अक्टूबर 2020
688. साथी (चार लाइन की भावाभिव्यक्तियाँ) (12 क्षणिका)
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020
687. बापू हमारे (बापू पर 10 हाइकु)
बापू हमारे
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1.
एक सिपाही
अंग्रेज़ो पर भारी,
मिला स्वराज।
2.
देश की शान
जन-जन के प्यारे
बापू हमारे।
3.
क़त्ल हो गया
अहिंसा का पुजारी,
अभागे हम।
4.
बापू का मान
हमारा अभिमान,
अब तो मानो।
5.
अस्सी थी उम्र,
अंग्रेज़ो को भगाया
निडर काया।
6.
मिली आज़ादी
साथ मिला संताप
शोक में बापू।
7.
माटी का पूत
माटी में मिल गया
दिला के जीत। (बापू)
8.
निहत्था लड़ा
अस्सी साल का बूढ़ा,
कभी न हारा। (बापू)
9.
अकेला बढ़ा
कारवाँ साथ चला
आख़िर जीता। (बापू)
10.
सादा जीवन
कड़ा अनुशासन
बापू की सीख।
- जेन्नी शबनम (2. 10. 2020)
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