सरल गाँव (गाँव पर 10 हाइकु)
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1.
जीवन त्वरा
बची है परम्परा,
सरल गाँव !
सरल गाँव !
2.
घूँघट खुला,
मनिहार जो लाया
हरी चूड़ियाँ !
हरी चूड़ियाँ !
3.
भोर की वेला
बनिहारी को चला
खेत का साथी !
4.
पनिहारिन
मन की बतियाती
पोखर सुने !
5.
दुआ-नमस्ते
गाँव अपने रस्ते
साँझ को मिले !
गाँव अपने रस्ते
साँझ को मिले !
6.
खेतों ने ओढ़ी
हरी-हरी ओढ़नी
वो इठलाए !
हरी-हरी ओढ़नी
वो इठलाए !
7.
असोरा ताके
कब लौटे गृहस्थ
थक हारके !
कब लौटे गृहस्थ
थक हारके !
8.
महुआ झरे
चुपचाप से पड़े,
सब विदेश !
चुपचाप से पड़े,
सब विदेश !
9.
उगा शहर
खंड-खंड टूटता
ग़रीब गाँव !
खंड-खंड टूटता
ग़रीब गाँव !
10.
बाछी रम्भाए
अम्माँ गई जो खेत
चारा चुगने !
अम्माँ गई जो खेत
चारा चुगने !
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बनिहारी - खेतों में काम करना
असोरा - ओसारा, दालान
चुगने - एकत्र करना
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- जेन्नी शबनम (19. 3. 2015)
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