जीवन की गंध
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यहाँ भी कोई नहीं
वहाँ भी कोई नहीं यहाँ भी कोई नहीं
नितान्त अकेले तय करना है
तमाम राहों को पार करना है,
पाप और पुण्य, सुख और दुख
मन की अवस्था, तन की व्यवस्था
समझना ही होगा
सँभालना ही होगा
यह जीवन और जीवन की गंध।
- जेन्नी शबनम (10. 10. 2019)
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