सोमवार, 13 मार्च 2017

538. जागा फागुन (होली के 10 हाइकु) पुस्तक 84, 85

जागा फागुन 

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1.  
होली कहती-  
खेलो रंग गुलाल  
भूलो मलाल   

2.  
जागा फागुन  
एक साल के बाद,  
खिलखिलाता   

3.  
सब हैं रँगे  
फूल तितली भौंरे  
होली के रंग   

4.  
खेल तो ली है  
रंग-बिरंगी होली  
रँगा न मन   

5.  
छुपती नहीं  
होली के रंग से भी  
मन की पीर   

6.  
रंग अबीर  
तन को रँगे, पर  
मन फ़क़ीर  

7.  
रंगीली होली  
इठलाती आई है  
मस्ती छाई है   

8.  
उड़के आता  
तन-मन रँगता  
रंग गुलाल   

9.  
मुर्झाए रिश्ते  
किसकी राह ताके  
होली बेरंग  

10.  
रंग अबीर  
फगुनाहट लाया  
मन बौराया   

- जेन्नी शबनम (12. 3. 2017)
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