हिसाब-किताब के रिश्ते
*******
दिल की बातों में ये हिसाब-किताब के रिश्ते
परखते रहे कसौटी पर बेकाम के रिश्ते!
वक़्त के छलावे में जो ज़िन्दगी ने चाह की
वक़्त के छलावे में जो ज़िन्दगी ने चाह की
कतरा-कतरा बिखर गए मखमल-से ये रिश्ते!
दर्द की दीवारों पे हसीन लम्हे टँके थे
गुलाब संग काँटों के ये बेमेल-से रिश्ते!
लड़खड़ा कर गिरते फिर थम-थम के उठते रहे
जैसे समंदर की लहरें व साहिल के रिश्ते!
नाम की ख्वाहिश ने जाने ये क्या कराया
गुमनाम सही पर क्यों बदनाम हुए ये रिश्ते!
चाँदी के तारों से सिले जज़्बात के रिश्ते
सुबह की ओस व आसमां के आँसू के रिश्ते!
किराए के मकां में रह के घर को हैं तरसे
अपनों की आस में 'शब' ने ही निभाए रिश्ते!
- जेन्नी शबनम (8. 9. 2017)
______________________________ ______