सोमवार, 14 अक्तूबर 2019

632. रिश्ते (रिश्ते पर 10 हाइकु) पुस्तक - 110,111

रिश्ते

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1.   
कौन समझे   
मन की संवेदना   
रिश्ते जो टूटे।   

2.   
नहीं अपना   
कौन किससे कहे   
मन की व्यथा।   

3.   
दीमक लगी   
अंदर से खोखले   
सारे ही रिश्ते।   

4.   
कोई न सुने   
कारूणिक पुकार   
रिश्ते मृतक।   

5.   
मन है टूटा   
रिश्तों के दाँव-पेंच   
नहीं सुलझे।   

6.   
धोखे ही धोखे   
रिश्तों के बाज़ार में   
मुफ़्त में मिले।   

7.   
नसीब यही   
आसमान से गिरे   
धोखे थे रिश्ते।   

8.   
शिकस्त देते   
अपनों की खाल में   
फ़रेबी रिश्ते।   

9.   
जाल में फाँसे   
बहेलिए-से रिश्ते   
क़त्ल ही करें।   

10.   
झूठ-फ़रेब   
कैसे करें विश्वास   
छलावा रिश्ते।   

- जेन्नी शबनम (1. 10. 2019)   
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