सोमवार, 18 मार्च 2013

391. तुम्हें पसंद जो है (क्षणिका)

तुम्हें पसंद जो है

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तस्वीरों में तुम बड़े दिलकश लगते हो  
आँखों में शरारत, होंठों पर मुस्कुराहट
काली घनी लटें, कपाल को ज़रा-ज़रा-सी ढकती हुई
तस्वीर वही कहती है, जो मेरा मन चाहता है 
मेरे मनमाफ़िक तस्वीर खिंचवाना, तुम्हें पसंद जो है। 

- जेन्नी शबनम (18. 3. 2013)
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