रविवार, 28 अगस्त 2011

276. इन्द्रधनुष खिला (बरसात पर 10 हाइकु) (पुस्तक - 19)

इन्द्रधनुष खिला 
(बरसात पर 10 हाइकु)

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1.
आकाश दिखा
इन्द्रधनुष खिला
मचले जिया।

2.
हुलसे जिया
घिर आए बदरा
जल्दी बरसे।

3.
धरती गीली
चहुँ ओर है पानी
हिम पिघला।

4.
भीगा अनाज
कुलबुलाए पेट
छत टपकी।

5.
बिजली कौंधी
कहीं जब है गिरी
खेत झुलसे।

6.
धरती ओढ़े
बादलों की छतरी
सूरज छुपा।

7.
मेघ गरजा
रिमझिम बरसा
मन हरसा।

8.
कारे बदरा
टिप-टिप बरसे
मन हरसे।

9.
इन्द्र देवता
हुए धरा से रुष्ट
लोग पुकारें।

10.
ठिठके खेत
कर जोड़ पुकारे
बरसो मेघ।

- जेन्नी शबनम (18. 8. 2011)
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