सोमवार, 3 जनवरी 2011

199. अनाम भले हो

अनाम भले हो

*******

तुम्हारी बाहें थाम 
पार कर ली रास्ता
तनिक तो संकोच होगा 
भरोसा भले हो 

नहीं होता आसान 
आँखें मूँद चलना
कुछ तो संशय होगा 
साहस भले हो 

दायरे से निकलना 
मनचाहा करना
कुछ तो नसीब होगा 
कम भले हो 

साथ जीने की लालसा 
आतुरता भी बहुत
शायद यह प्रेम होगा 
अनाम भले हो 

- जेन्नी शबनम (3. 1. 2011)
_____________________