चाँद का रथ
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1.
थी विशेषता
जाने क्या-क्या मुझमें,
हूँ अब व्यर्थ।
2.
सीले-सीले-से
गर हों अजनबी,
होते हैं रिश्ते।
3.
मन का द्वन्द्व
भाँपना है कठिन
किसी और का।
4.
हुई बावली
सपनों में गुजरा
चाँद का रथ।
5.
जन्म के रिश्ते
सदा नहीं टिकते
जग की रीत।
6.
अनगढ़-से
कई-कई किस्से हैं
साँसों के संग।
7.
हाइकु ऐसे
चंद लफ़्ज़ों में पूर्ण
ज़िन्दगी जैसे।
- जेन्नी शबनम (18. 2. 2013)
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