बुधवार, 29 जून 2016

517. अनुभव (क्षणिका)

अनुभव  

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दोराहे, निश्चित ही द्वन्द्व पैदा करते हैं  
एक राह छलावा का, दूसरा जीवन का  
इनमें कौन सही  
इसका पता दोनों राहों पर चलकर ही होता है  
फिर भी, कई बार अनुभव धोखा दे जाता है  
और कोई पूर्वाभास भी नहीं होता   

- जेन्नी शबनम (29. 6. 2016)  
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