आँख
*******
1.
पट खोलती
दुनिया निहारती
आँखें झरोखा।
2.
आँखों की भाषा
गर समझ सको
मन को जानो।
3.
गहरी झील
आँखों में है बसती
उतरो ज़रा।
4.
आँखों का नाता
जोड़ता है गहरा
मन से नाता।
5.
आँख का पानी
मरता व गिरता
भेद समझो।
6.
बड़ी लजाती
अँखियाँ भोली-भाली
मीत को देख।
7.
शर्म व हया
आँखें करती बयाँ
उनकी भाषा।
8.
नन्ही आँखों में
विस्तृत जग सारा
सब समाया।
9.
ख़ूब देखती
सुन्दर-सा संसार
आँखें दुनिया।
10.
छल को देख
होती हैं शर्मसार
आँखें क्रोधित।
11.
ख़ूब पालती
मनचाहे सपने
दुलारी आँखें।
12.
स्वप्न छिपाती
कितनी है गहरी
नैनों की झील।
13.
बिना उसके
अँधियारा पसरा
अँखिया ज्योति।
14.
जीभर देखो
रंग बिरंगा रूप
आँखें दर्पण।
15.
मूँदी जो आँखें
जग हुआ ओझल
साथ है स्वप्न।
16.
जीवन ख़त्म
संसार से विदाई
अँखियाँ बंद।
17.
आँख में पानी
बड़ा गहरा भेद
आँख का पानी।
18.
भेद छुपाते
सुख-दुःख के साथी
नैना हमारे।
सुख-दुःख के साथी
नैना हमारे।
19.
मन की भाषा
पहचाने अँखियाँ
दिखाती आशा।
20.
आँखियाँ मूंदी
दिख रहा अतीत
मन है शांत।
- जेन्नी शबनम (19. 2. 2019)
___________________
10 टिप्पणियां:
गहन भावों को संजोये बहुत खूबसूरत हाइकु...
बहुत खूब ...
आँखों के हर मंज़र को, हर रूप को, हर भाव को शब्दों में बंद लिया ...
सुन्दर हाइकू हैं सभी ...
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 22 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत ख़ूब
सादर
बहुत खूब...
बहुत ही सुंदर हाइकु
बढ़िया हाइकु
बेहद लाजवाब हायकू....
स्वप्न छिपाती
कितनी है गहरी
अँखिया झील।
वाह!!!
बेहद लाजवाब हायकू....
स्वप्न छिपाती
कितनी है गहरी
अँखिया झील।
वाह!!!
बातो बातो में आँखो की सारी कहानी वया हो गई लाजबाब , बहुत खूब सादर नमन आदरणीय
वाहह्हह.. सराहनीय हायकु👍👍
एक टिप्पणी भेजें