शब्द-महिमा
(शब्द पर 10 ताँका)
*******
1.
प्रेम-चाशनी
शब्द को पका कर
सबको बाँटो,
सब छूट जाएगा
ये याद दिलाएगा !
2.
शब्दों ने तोड़ी
संबंधों की मर्यादा
रिश्ता भी टूटा,
यत्न से लगी गाँठ
मन न जुड़ पाया !
3.
तुमसे जाना
शब्दों की वाचालता,
मूक-बधिर
बस एक उपाय
मन यही सुझाय !
4.
शब्द-जाल ने
बहुत उलझाया
देश की जनता को,
अब नेता को जाना-
कितना भरमाया !
5.
शब्द-महिमा
ऋषियों ने थी मानी,
दिया सन्देश
ग्रंथों में उपदेश
शब्द नहीं अशेष !
6.
सरल शब्द
सहज अभिव्यक्ति
भाव गंभीर,
उत्तेजित भाषण
खरोंच की लकीर !
7.
प्रेम औ पीर
अपने औ पराये
शब्द के खेल,
मन के द्वार खोलो
शब्द तौलो तो बोलो !
8.
शब्दों के शूल
कर देते छलनी
कोमल मन,
निरर्थक जतन
अपने होते दूर !
9.
अपार शब्द
कराहते ही रहे,
कौन समझे
निहित भाषा-भाव
नासमझ इंसान !
10.
बिना शब्द के
अभिव्यक्ति कठिन
सबने माना,
मूक सम्प्रेषण है
बिना शब्दों की भाषा !
(शब्द पर 10 ताँका)
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1.
प्रेम-चाशनी
शब्द को पका कर
सबको बाँटो,
सब छूट जाएगा
ये याद दिलाएगा !
2.
शब्दों ने तोड़ी
संबंधों की मर्यादा
रिश्ता भी टूटा,
यत्न से लगी गाँठ
मन न जुड़ पाया !
3.
तुमसे जाना
शब्दों की वाचालता,
मूक-बधिर
बस एक उपाय
मन यही सुझाय !
4.
शब्द-जाल ने
बहुत उलझाया
देश की जनता को,
अब नेता को जाना-
कितना भरमाया !
5.
शब्द-महिमा
ऋषियों ने थी मानी,
दिया सन्देश
ग्रंथों में उपदेश
शब्द नहीं अशेष !
6.
सरल शब्द
सहज अभिव्यक्ति
भाव गंभीर,
उत्तेजित भाषण
खरोंच की लकीर !
7.
प्रेम औ पीर
अपने औ पराये
शब्द के खेल,
मन के द्वार खोलो
शब्द तौलो तो बोलो !
8.
शब्दों के शूल
कर देते छलनी
कोमल मन,
निरर्थक जतन
अपने होते दूर !
9.
अपार शब्द
कराहते ही रहे,
कौन समझे
निहित भाषा-भाव
नासमझ इंसान !
10.
बिना शब्द के
अभिव्यक्ति कठिन
सबने माना,
मूक सम्प्रेषण है
बिना शब्दों की भाषा !
- जेन्नी शबनम ( मार्च 16, 2012)
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13 टिप्पणियां:
हर क्षणिका गजब की .... बहुत खूब ...
बहुत बढ़िया... सुन्दर प्रभावी "ताका" रचनाएं....
सादर.
शब्दों के अलग अलग तासीर
वाह!!!!
शब्दों का बड़ा सुन्दर "तांका" भिडाया आपने...
बेहतरीन भाव...नियमबद्ध....
सस्नेह
अनु
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति
MY RESENT POST...काव्यान्जलि... तुम्हारा चेहरा.
bahut hi sundar shabdo ka neayambadh tana-bana....
bahut hi sundar shabdo ka neayambadh tana-bana....
बहुत बढ़िया रचनाएं......
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति । धन्यवाद ।
हम तो निशब्द है जी.
कमाल करती हैं आप भाव और शब्दों का सुन्दर संयोजन प्रस्तुत करके.
एक-एक क्षणिका दिल को छू गयी. बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आना.
सादर
मधुरेश
कल 11/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत ही सुन्दर शब्दों की महिमा व्यक्त की है आपने...
बेहतरीन रचना....
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