गुरुवार, 18 अगस्त 2016

525. चहकती है राखी (राखी पर 15 हाइकु) पुस्तक 80, 81

चहकती है राखी   

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1.   
प्यारी बहना   
फूट-फूट के रोई   
भैया न आया   

2.   
राखी है रोई   
सुने न अफ़साना   
कैसा ज़माना   

3.   
रिश्तों की क्यारी   
चहकती है राखी   
प्यार जो शेष   

4.   
संदेशा भेजो   
आया राखी त्योहार    
भैया के पास   

5.   
मन की पीड़ा   
भैया से कैसे कहें?   
राखी तू बता    

6.   
कह न पाई   
व्याकुल बहना,   
राखी निभाना   

7.   
संदेशा भेजो   
मचलती बहना   
आएगा भैया   

8.   
बहना रोए   
प्रेम का धागा लिये,   
रिश्ते दरके   

9.   
सावन आया   
नैनों से नीर बहे   
नैहर छूटा    

10.   
मन में पीर   
मत होना अधीर   
आज है राखी   

11.   
भाई न आया   
पर्वत-सा ये मन   
फूट के रोया    

12.   
राखी का थाल   
बहन का दुलार   
राह अगोरे    

13.   
रेशमी धागा   
जोड़े मन का नाता   
नेह बढ़ाता   

14.   
सूत है कच्चा   
जोड़ता नाता पक्का   
आशीष देता    

15.   
रक्षा-कवच   
बहन ने है बाँधी   
राखी जो आई   

- जेन्नी शबनम (18. 8. 2016)   
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4 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

Waah ! Anupam bhav ....

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "साक्षी ने दिया रक्षाबंधन का उपहार “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (20-08-2016) को "आदत में अब चाय समायी" (चर्चा अंक-2440) पर भी होगी।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Onkar ने कहा…

बढ़िया हाइकु