शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

702. गंगा (20 हाइकु)

 गंगा 


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1. 
चल पड़ी हूँ   
सागर से मिलने   
गंगा के संग।   

2. 
जीवन गंगा   
सागर यूँ ज्यों कज़ा   
अंतिम सत्य।   

3. 
मुक्ति है देती   
पाप पुण्य का भाव   
गंगा है न्यारी।   

4. 
सब समाया   
जीवन और मृत्यु   
गंगा की गोद।   

5. 
हम हैं पापी   
गंगा को दुःख देते   
कर दूषित।   

6. 
निश्छल प्यार   
सबका बेड़ा पार   
गंगा है माँ-सी।   

7. 
पावनी गंगा   
कल-कल बहती   
जीवन देती।   

8. 
बसा जीवन   
सदियों का ये नाता   
गंगा के तीरे।   

9. 
गंगा की बाहें   
सबको समेटती   
भलें हों पापी।   

10. 
जीवन बाद   
गंगा में प्रवाहित   
अंतिम लक्ष्य।   

11. 
गंगा है हारी   
वो जीवनदायिनी   
मानव पापी।   

12. 
गंगा की पीर   
गंदगी को पी-पीके   
हो गई मैली।   

13. 
क्रूर मानव   
अनदेखा करता   
गंगा का मन।   

14. 
प्रचंड गंगा   
बहुत बौखलाई   
बाढ़ है लाई।   

15. 
गंगा से सीखो   
सब सहकरके   
धरना धीर।   

16. 
हमें बुलाती   
कल-कल बहती   
गंगा हमारी।   

17. 
गंगा प्रचंड   
रौद्र रूप दिखाती   
जब गुस्साती।   

18. 
गंगा है प्यासी   
उपेक्षित होके भी   
प्यास बुझाती।   

19. 
पावनी गंगा   
जग के पाप धोके   
हुई लाचार।   

20. 
किरणें छूतीं   
पाके सूर्य का प्यार   
गंगा मुस्काती।   

- जेन्नी शबनम (17. 12. 2020)
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15 टिप्‍पणियां:

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१९-१२-२०२०) को 'कुछ रूठ गए कुछ छूट गए ' (चर्चा अंक- ३९२०) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

बहुत सुंदर 👌

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

गंगा हमारी
पुकारते हैं हम
जय जय माँ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

इन्दु पुरी ने कहा…

गंगा घर ले आई आज तो

Meena Bhardwaj ने कहा…

वाह !! गंगा मैया का गौरव गान और वह भी हाइकु के साथ । बहुत सुन्दर और भावपूर्ण । अति सुन्दर ।

Anita ने कहा…

गंगा माँ को भावभीना नमन, अति सुंदर !

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुन्दर हाइकु....

Kamini Sinha ने कहा…

गंगा मां की बहुत ही सुंदर गौरव गाथा, लाजबाव सृजन, सादर नमस्कार

Amrita Tanmay ने कहा…

मन पावन भाव में डुबकी लगाने लगा । हर हर गंगे । अति सुंदर ।

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

Alaknanda Singh ने कहा…

वाह जेन्नी जी, गंगा पर इतने उमदा हाइकू...पढ़कर बहुत अच्छा लगाा

मन की वीणा ने कहा…

बहुत शानदार हाइकु ।
गंगा को समर्पित गंगा से निर्मल।

Sudha Devrani ने कहा…

पावनी गंगा पर एक से बढ़कर एक लाजवाब हायकू
वाह!!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कमाल के हाइकू हैं सभी ...
पावस गंगा का एहसास कराते हुए ...