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गुरुवार, 2 अगस्त 2012

360. राखी पर्व (राखी पर 15 हाइकु) पुस्तक- 23-25

राखी पर्व
(राखी पर 15 हाइकु)

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1.
भैया न जाओ
मेरी बलाएँ ले लो 
राखी बँधा लो। 

2.
बाट जोहते
अक्षत, धागे, टीका 
राखी जो आई।  

3.
बहन देती 
हाथों पे बाँध राखी  
भाई को दुआ। 

4.
राखी का सूत
बहनों ने माना 
रक्षा-कवच। 

5.
बहना खिली
रखिया बँधवाने   
भैया जो आया। 

6.
रंग-बिरंगी 
कतारबद्ध-राखी 
दूकानें सजी। 

7.
पावन पर्व
ये बहन भाई का  
रक्षा बंधन। 

8.
भूले त्योहार 
आपसी व्यवहार  
बढ़ा व्यापार।  

9.
चुलबुली-सी
कुदकती बहना 
राखी जो आई।   

10.
भाई का प्यार
राखी-पर्व जो आता  
याद दिलाता !

11.
मन भी सूना  
किसको बाँधे राखी 
भाई पीहर!

12.
नहीं सुहाता 
सब नाता जो टूटा  
रक्षा-बंधन। 

13,
नन्ही कलाई 
बहना ने सजाई 
देती दुहाई। 

14.
भाई है आया 
ये धागा खींच लाया  
है मज़बूत। 

15.
राखी जो आई  
भाई को खींच लाई  
बहना-घर। 

- जेन्नी शबनम (1. 8. 2012)
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