रिश्तों की भीड़
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रिश्तों की भीड़ में
प्यार गुम हो गया है
प्यार ढूँढ़ती हूँ
बस रिश्ते हाथ आते हैं।
- जेन्नी शबनम (7. 4. 2009)
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रिश्तों की भीड़ में
प्यार गुम हो गया है
प्यार ढूँढ़ती हूँ
बस रिश्ते हाथ आते हैं।
- जेन्नी शबनम (7. 4. 2009)
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2 टिप्पणियां:
vah ..bahut khub
bahut sundar....!
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