रूह का सफ़र
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इस जीवन के बाद
एक और जीवन की चाह,
रूहानी इश्क़ का ख्व़ाब
है न अजब यह ख़याल!
क्या पता क्या हो
रूह हो या कि सब समाप्त हो
कहीं ऐसा न हो
शरीर ख़त्म हो और रूह भी मिट जाए
या फिर ऐसा हो
शरीर नष्ट हो और रूह रह जाए
महज़ वायु समान,
एहसास तो मुक़म्मल हो
पर रूह बेअख़्तियार हो।
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इस जीवन के बाद
एक और जीवन की चाह,
रूहानी इश्क़ का ख्व़ाब
है न अजब यह ख़याल!
क्या पता क्या हो
रूह हो या कि सब समाप्त हो
कहीं ऐसा न हो
शरीर ख़त्म हो और रूह भी मिट जाए
या फिर ऐसा हो
शरीर नष्ट हो और रूह रह जाए
महज़ वायु समान,
एहसास तो मुक़म्मल हो
पर रूह बेअख़्तियार हो।
कैसी तड़प होगी, जब सब दिखे पर हों असमर्थ
सामने प्रियतम हो, पर हों छूने में विफल
कितनी छटपटाहट होगी
तड़प बढ़ेगी और रूह होगी विह्वल।
बारिश हो और भींग न पाएँ
भूख हो और खा न पाएँ
इश्क़ हो और कह न पाएँ
जाने क्या-क्या न कर पाएँ।
सशक्त शरीर, पर होते हम असफल
रूह तो यूँ भी होती है निर्बल
जो है अभी ही कर लें पूर्ण
किसी शायद पर नहीं यक़ीन सम्पूर्ण।
फिर भी, जो न मिल सका
उम्मीद से जीवन सजा लें
शायद हो इस जन्म के बाद
रूह के सफ़र की नयी शुरुआत।
- जेन्नी शबनम (10. 10. 2010)
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13 टिप्पणियां:
bhavpoorna rachana .........shabda shabda dil me utar gaya ...........ek achchhi rachana ke liye dhanyavaad
bhavpoorna rachana .........shabda shabda dil me utar gaya ...........ek achchhi rachana ke liye dhanyavaad
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ । जय माता दी ।
ओह! क्या खूब कहा है…………बहुत सुन्दर्।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (11/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
इस जीवन के बाद
एक और जीवन की चाह,
रूहानी इश्क का ख्व़ाब
है न अज़ब ये ख़याल !
hai to ajeeb per kitna sukun deta hai
बहुत ही खुबसूरत रचना....
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई... जो करना है अभी ही कर लें....
क्या पता क्या हो रूह हो या कि सब समाप्त हो,कहीं ऐसा न हो
शरीर ख़त्म हो रूह भी मिट जाए, या फिर ऐसा हो
शरीर नष्ट हो रूह रह जाए महज़ वायु समान,
एहसास तो मुकम्मल हो पर रूह बेअख्तियार हो !
सब कुछ ऐसा ही रहता है । आधा घंटा की
बेहोशी के बाद आपको यातना शरीर में डाल दिया
जाता है । आपको बिलकुल ऐसा ही अहसास
होता है । जैसा अभी होता है । फ़िर कर्मों के
अनुसार आपकी यात्रा होती है । यह सब जीते जी
देखना चाहे । तो मेरे पास आयें ।
सुन्दर अभिव्यक्ति
कोमल भावों को अभिव्यक्त करती सुकोमल कविता...बहुत सुंदर रचना...बधाई।
कोमल भावों को अभिव्यक्त करती सुकोमल कविता...बहुत सुंदर रचना...बधाई।
yah rachna bhej den vatvriksh ke liye
behad khoobsorat najm badhai
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