धूप
*******
1.
सूर्य जो जला
किसके आगे रोए
ख़ुद ही आग।
2.
घूमता रहा
सारा दिन सूरज
शाम को थका।
3.
भुट्टे-सी पकी
सूरज की आग पे
फ़सलें सभी।
4.
जा भाग जा तू!
जला देगी तुझको
शहर की लू।
5.
झुलसा तन
झुलस गई धरा
जो सूर्य जला।
6.
जल-प्रपात
सूर्य की भेंट चढ़े
सूर्य शिकारी।
7.
धूप खींचता
आसमान से दौड़ा,
सूरज घोड़ा।
8.
ठंडे हो जाओ
हाहाकार है मचा
सूर्य देवता।
9.
असह्य ताप
धरती कर जोड़े-
'मेघ बरसो!'
10.
माना सबने-
सर्वशक्तिमान हो
शोलों को रोको।
11.
ख़ुद भी जले
धरा को भी जलाए
प्रचण्ड सूर्य।
12.
हे सूर्य देव!
कर दो हमें माफ़
गुस्सा न करो।
13.
आग उगली
बादल जल गया
सूरज दैत्य।
14.
झुलस गया
अपने ही ताप से
सूर्य बेचारा।
15.
धूप के ओले
टप-टप टपके
सूरज फेंके।
- जेन्नी शबनम (1. 6. 2013)
___________________
15 टिप्पणियां:
सूरज के प्रचंड गर्मी का ब्यौरा.....
बहुत खुबसूरत हाइकू !!
सूरज के प्रचंड गर्मी का ब्यौरा.....
बहुत खुबसूरत हाइकू !!
सूरज की दादागीरी
चलती नहीं जब चौमासे में ,
ओढ़ता धुँधलाई कथरी !
बहुत खूब .... सूर्य पर बढ़िया हाइकु ।
नीरद पीछे
छिप गया सूरज
घटा बरसी ।
बहुत सुन्दर..
बहुत सुंदर हाइकू
SURYA PAR LIKHEE CHHOTEE - CHHOTEE
BEMISAAL KAVITAAYEN HAIN .
बहुत ही प्रभावी हैं सभी हाइकू ..
अपनी पात को स्पष्ट कहा है आपने ...
bahut sundar........
वाह - बहुत खूब
"धूप के ओले
टप-टप टपके
सूरज फेंके!"
सूरज के दहकते चित्र !
इन त्रिपदियों की आंच भाती है।
बहुत ही अच्छे. सार्थक हाइकु...धूप का चित्र खींचते हुए....हार्दिक बधाई!
धूप खींचता
आसमान से दौड़ा,
सूरज घोड़ा !
क्या बात है .... एक से बढ़कर एक हाइकू ...
बहुत सुन्दर हाइकू
आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति को कल रविवार, दिनांक 28/07/13 को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in पर प्रसारित किया जाएगा ... साभार सूचनार्थ
sabhi haayku achchhe lage
एक टिप्पणी भेजें