दीप-दीपाली
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उतरे नीचे
नक्षत्र आसमाँ के
ज़मीन पर।
2.
लौटे प्रवासी
त्योहार का मौसम
सजी दीवाली।
3.
राम प्रवासी
लौटे हो के विजयी
दीवाली सजी।
4.
तमाम रात
बेताबी से जलती
दीप-दीपाली।
5.
बड़ी बेताबी
मगर हौले-हौले
जलती बाती।
6.
आख़िर भागा
एक दिन ही सही
तम अभागा।
7.
जुगनू लाखों
धरती पर नाचे
साथ ही जले।
8.
विफल हुई
अँधेरों की साज़िश
रोशनी जीती।
9.
है इतराई
रोशनी छितराई
दीवाली आई।
10.
मुठ्ठी से गिरी
धरा पर रोशनी
आसमान से।
11.
अँधेरा भागा
उजाले से डरके
रोशनी नाची।
12.
चादर तान
आज अँधेरा सोया
दीपक जला।
13.
जीते रोशनी
महज़ एक दिन
हारे अँधेरा।
14.
खुलके हँसी
जगमग रोशनी
अँधेरा चुप।
15.
चाँद सितारे
उतरे ज़मीन पे
धरा सजाने।
16.
रात है काली
दीयों से सजकर
ख़ूब शर्माती।
17.
घूँघट काढ़े
धरती इठलाती
दीया जलाती।
धरती इठलाती
दीया जलाती।
18.
घर-घर में
बरसी है चाँदनी
अमावस में।
अमावस में।
- जेन्नी शबनम (1. 11. 2013)
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11 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर.. आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
विफल हुई
अँधेरों की साज़िश
रोशनी जीती । bilkul theek kaha apne aur aaj andhere ko harane ke liye ek aisi hi roshani jaroorat hai.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (03-11-2013) "बरस रहा है नूर" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1418 पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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प्रकाशोत्सव दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
सुन्दर हाइकू दिवाली और राम के सन्दर्भ में !
दीपावली की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
दीप से जगमगाते सभी हाइकू ..
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
बहुत ही सुंदर हाइकू !
दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
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RECENT POST -: दीप जलायें .
वाह!!! बहुत सुंदर !!!!!
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई--
उजाले पर्व की उजली शुभकामनाएं-----
आंगन में सुखों के अनन्त दीपक जगमगाते रहें------
dipawali par behatarin upahaar khubsurat haaiku
कितने भावपूर्ण हाइकु लिखती हैं आप । पढ़कर बहुत सुखद एहसास होता है।
उफ्फ्फ ....दिवाली के इतने रूप ...वो भी सुंदर शब्द-माल में पिरोये हुए
आनंद आ गया
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