पात झरे यूँ
2.
3.
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1.
1.
पात झरे यूँ
तितर-बितर ज्यूँ
चाँदनी गिरे।
2.
पतझर ने
छीन लिए लिबास
गाछ उदास।
गाछ उदास।
3.
शैतान हवा
वृक्ष की हरीतिमा
ले गई उड़ा।
ले गई उड़ा।
4.
सूनी है डाली
चिड़िया न तितली
आँधी ले उड़ी।
5.
ख़ुशी बिफरी
चिड़िया न तितली
आँधी ले उड़ी।
5.
ख़ुशी बिफरी
मन में पतझर
उदासी फैली।
6.
खुशियाँ झरी
जिन्दगी की शाख़ से
ज्यों पतझर।
7.
काश मैं होती
गुलमोहर जैसी
बेपरवाह।
8.
फिर खिलेगी
मौसम कह गया
सूनी बगिया।
9.
न रोको कभी
आकर जाएँगे ही
मौसम सभी।
10.
जिन्दगी ऐसी
पतझर के बाद
वीरानी जैसी।
जिन्दगी की शाख़ से
ज्यों पतझर।
7.
काश मैं होती
गुलमोहर जैसी
बेपरवाह।
8.
फिर खिलेगी
मौसम कह गया
सूनी बगिया।
9.
न रोको कभी
आकर जाएँगे ही
मौसम सभी।
10.
जिन्दगी ऐसी
पतझर के बाद
वीरानी जैसी।
- जेन्नी शबनम (4. 4. 2014)
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13 टिप्पणियां:
. खुशियाँ झरीजिन्दगी की शाख सेज्यों पतझर ।
...एक से एक गहरे अर्थो वाली पंक्तिया .......मन फ्रेश हो गया !!
बहुत सुंदर हायकू.
नई पोस्ट : मिथकों में प्रकृति और पृथ्वी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-04-2014) को "खामोशियों की सतह पर" (चर्चा मंच-1574) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चैत्र नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
कामना करता हूँ कि हमेशा हमारे देश में
परस्पर प्रेम और सौहार्द्र बना रहे।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहन जेन्नी जी , प्रकृति के उपादानों के नाम गिनाने वाले तो बहुत हैं ; आपने अपने इन हाइकु में पतझर के बहाने प्रकृति के विभिन्न रूपों का सुन्दर चित्रण किया है , आलम्बन से लेकर ,मानवीकरण ,उद्दीपन और प्रतीक तक ।शैतान हवा का गुण बहुत सार्थक लगा। आपकी भाषा की गहरी पकड़ , संश्लिष्ट अभिव्यक्ति इन हाइकु को ऊँचाई प्रदान करती है । आपके ये हाइकु तो विशिष्ट हैं-
2.
पतझर ने
छीन लिये लिबास
गाछ उदास ।
3.
शैतान हवा
वृक्ष की हरीतिमा
ले गई उड़ा ।
4.
सूनी है डाली
चिड़िया न तितली
आँधी ले उड़ी ।
5.
ख़ुशी बिफ़री
मन में पतझर
उदासी फैली ।
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हार्दिक बधाई के साथ -रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
बहुत ही सुन्दर व बढिया हाइकू , आदरणीय धन्यवाद व स्वागत है !I.A.S.I.H ( हिंदी जानकारियाँ )
हिंदी ब्लॉग जगत में एक नए ब्लॉग की शुरुवात हुई है कृपया आप सब से विनती है कि एक बार अवश्य पधारें , व अपना सुझाव जरूर रक्खें , धन्यवाद ! ~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )
सुन्दर रचना
सुदर हाइकू ... स्पष्ट बात रखते हुए ...
बहुत सुंदर हाइकूज़...
सभी हायकू बहुत सुन्दर है..
bahut dinon ke bad aai aapke blog par refresh hokar jaa rahi hoon sare hiku sundar hain .....
सारे हाइकु बेजोड़
एक दूसरे से करते होड
शुभ कामनाएँ इस मोड
वाह !!
मंगलकामनाएं आपको !
सुंदर हआइकू पतझड के बहाने जीवन दर्शन।
शाख से झरे पातों सी खुशियाँ गईँ
पर नये कोमल पातों सी नई बातें लाईं।
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