बुधवार, 1 मार्च 2017

537. हवा बसन्ती (बसन्त ऋतु पर 10 हाइकु) पुस्तक 83,84

हवा बसन्ती  

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1.  
हवा बसन्ती  
लेकर चली आई  
रंग-बहार   

2.  
पीली ओढ़नी  
लगती है सोहणी  
धरा ने ओढ़ी   

3.  
पीली सरसों  
मस्ती में झूम रही,  
आया बसन्त   

4.  
कर शृंगार  
बसन्त ऋतु आई  
जग मोहित   

5.  
कोयल कूकी-  
आओ सखी बसन्त   
साथ में नाचें   

6.  
धूप सुहानी  
छटा है बिखेरती  
झूला झूलती   

7.  
पात झरते,  
जीवन होता यही,  
सन्देश देते   

8.  
विदा हो गया  
ठिठुरता मौसम,  
रुत सुहानी   

9.  
रंग फैलाती  
कूदती-फाँदती ये,  
बसन्ती हवा   

10.  
मधुर तान  
चहूँ ओर छेड़ती  
हवा बसन्ती   

- जेन्नी शबनम (1. 3. 2017)
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2 टिप्‍पणियां:

Madhu Rani ने कहा…

बासंती बयार का मनोरम वर्णन, सुन्दर अभिव्यक्ति जेन्नी ।

Onkar ने कहा…

सुन्दर सामयिक हाइकु