रविवार, 2 अक्टूबर 2022

751. चौथा बन्दर

चौथा बन्दर

*** 

बापू के तीनों बन्दर   
सालों-साल मुझमें जीते रहे   
मेरे आँसू तो नहीं माँगे, मेरा लहू पीते रहे   
फिर भी मैंने उनका अनुकरण और अनुसरण किया। 
   
अब वे फुदक-फुदककर   
बाहर आने को व्याकुल रहते हैं   
जब से मुझे बुरा दिखने लगा 
बुरा सुनाई देने लगा   
और फिर मैंने बुरा बोलना सीख लिया   
पर मैंने उन्हें जकड़ रखा है ज़ेहन में   
आज़ादी न मिलेगी उन्हें।   

ये तीनों घमासान मचाए हुए हैं   
परन्तु अब वह ज़माना न रहा   
जब चुपचाप सब सहा जाए   
बुरा देखा जाए, सुना जाए, न कहा जाए। 
  
अब मैंने एक और बन्दर को पाल लिया है   
जो इन तीनों को दबोचकर रखता है   
और ''जैसे को तैसा'' का आदेश देता है। 
  
फिर कहीं से बापू की आवाज़ गूँजती है-   
''ऐसे तो कभी समाधान न होगा   
पर बात जब हद से बाहर हो जाए   
तो चौथे बन्दर को बाहर लाओ।''
   
इन दिनों चौथे बन्दर को बाहर आने के लिए   
आह्वान कर रही हूँ   
अब मैं कम डर रही हूँ।   

-जेन्नी शबनम (2.10.2022) 
____________________

10 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

लाजवाब

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (05-10-2022) को  "अभी भी जिन्दा है रावण"  (चर्चा-अंक-4572)  पर भी होगी।
--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (05-10-2022) को  "अभी भी जिन्दा है रावण"  (चर्चा-अंक-4572)  पर भी होगी।
--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत जरुरी है आजकल इन तीनो बंदरों को कैद करना और चौथा बंदर बाहर लाना ।बहुत ही लाजवाब ।
वाह!!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (05-10-2022) को  "अभी भी जिन्दा है रावण"  (चर्चा-अंक-4572)  पर भी होगी।
--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

Onkar ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति

Onkar Singh 'Vivek' ने कहा…

वाह! बहुत ख़ूब

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(१०-१० -२०२२ ) को 'निर्माण हो रहा है मुश्किल '(चर्चा अंक-४५७७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर

Sarita sail ने कहा…

वाह अच्छी रचना

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत सुन्दर