सोमवार, 2 मई 2011

239. ज़िन्दगी ऐसी ही होती है

ज़िन्दगी ऐसी ही होती है

*******

सुनसान राहों से गुज़रते हुए
ज़िन्दगी ख़ामोश हो गई है
कविता भी अब मौन हो गई है,
शब्द तो बहुत उपजते हैं
और यूँ ही विलीन हो जाते हैं
बिना कहे शब्द भी खो जाते हैं,
मेरे शब्द चुप हो रहे हैं
और एक चुप्पी मुझमें भी उग रही है
कविता जन्म लेने से पहले ही मर रही है,
किसे ढूँढ कर कहें कि साथ चलो
मेरी अनकही सुन लो
न सुनो मेरे लिए कुछ तो कह दो,
सफ़र की वीरानगी जब दिल में उतर जाती है
मानो कि बहुत चले 
मगर ज़िन्दगी वहीं ठहरी होती है
अब जाना कि ज़िन्दगी ऐसी ही होती है  

- जेन्नी शबनम (2. 5. 2011)
______________________

12 टिप्‍पणियां:

SAJAN.AAWARA ने कहा…

SHAYAD JINDGI ESI HI HOTI HAI.. . . . . . MAM NICE POEM. . , . . . . JAI HIND JAI BHARAT

mridula pradhan ने कहा…

किसे ढूंढ़ कर कहूँ कि साथ चलो
मेरी अनकही सुन लो
man ke ekdam kareeb.....

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर भावना पूर्ण रचना| धन्यवाद|

network ने कहा…

जेन्नी जी ,बेस्ट लाइंस "मेरे शब्द चुप हो रहे हैं
और एक चुप्पी मुझमें भी उग रही है "हमेशा गंभीर ही मत लिखा करिए ,हम जैसे बेवकूफों को देर में समझ में आता है |

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर शब्दों के साथ सुंदर रचना...

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

रुके-रुके से कदम रिक के बार-बार चले..
जिंदगी ऐसी ही होती है
बहुत अच्छी....

रजनीश तिवारी ने कहा…

रुकी-रुकी सी ज़िंदगी । सुंदर रचना .. शुभकामनाएँ ।

सहज साहित्य ने कहा…

सचमुच ज़िन्दगी ऐसी ही होती है,मौन ओढ़े हुए , शब्दों का गुम हो जाना,चुप्पी का उगना जैसे प्रयोग कविता के निहितार्थ को सतह से उठाकर बहुत गहरे तक ले जाते हैं। अगर आदमी मन की बात कह लिया करता तो बहुत से तनाव होते ही नहीं, साथ ही साथ यह भी सच है कि अच्छी अभिव्यक्ति भी दुर्लभ हो जाती । आपकी यह कविता बहुत गहरी बात कह जाती है -कविता भी अब मौन हो गई है,
शब्द तो बहुत उपजते हैं
और यूँ हीं विलीन हो जाते हैं
बिना कहे शब्द भी खो जाते हैं,
मेरे शब्द चुप हो रहे हैं
और एक चुप्पी मुझमें भी उग रही है

PRAN SHARMA ने कहा…

SEEDHE - SAADE SHABDON MEIN
SEEDHE - SAADE BHAAV ACHCHHE
LAGE HAIN . SUNDAR KAVYABHIVYAKTI
HAI. BADHAAEE .

***Punam*** ने कहा…

"शब्द तो बहुत उपजते हैं
और यूँ हीं विलीन हो जाते हैं
बिना कहे शब्द भी खो जाते हैं,
मेरे शब्द चुप हो रहे हैं"


सुन्दर अभिव्यक्ति..!!

विभूति" ने कहा…

such sayad jindgi aishi hi hoti hai... bhut sunder...

निर्झर'नीर ने कहा…

zindgi ..kaisi hai paheli ???????


exceelent creation

ye rachna bahut acchi lagi aapki