शनिवार, 7 जनवरी 2012

312. चलो सत्य की राह

चलो सत्य की राह

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बन सबल 
शक्तिमान तुम
करो आलिंगन 
संसार तुम
न हो धूमिल 
प्रकाश तुम्हारा
न उलझे कभी 
जीवन तुम्हारा 
बाधा हो पर 
न हारे विश्वास
रहे अडिग 
स्वयं पर विश्वास
चूमो धरती 
औ छुओ आकाश
मुट्ठी में तुम 
भर लो आकाश 
कठिन सही 
पर न भूलो राह
चलो सदा 
तुम सत्य की राह।  

- जेन्नी शबनम (जनवरी 7, 2012)
(बेटी परान्तिका के जन्मदिन पर)
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15 टिप्‍पणियां:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

वाह....बहुत खूब रचना...बधाई

नीरज

G.N.SHAW ने कहा…

बहुत कठिन है ! सत्यवादी मिलना मुश्किल है , इसीलिए अन्ना जैसे व्यक्ति भी असमंजस में है ! इससे बेहतर अनुशासित बने !

mridula pradhan ने कहा…

कठिन सही पर न भूलो राह
सदा चलो तुम सत्य की राह !
bilkul......

रश्मि प्रभा... ने कहा…

phir dekho satya kee aab

Unknown ने कहा…

जेन्नी जी, व्यापकता लिए मधुर सन्देश देती पंक्तियाँ बधाई

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

न उलझे कभी जीवन तुम्हारा !
बाधा हो पर न हारे विश्वास
रहे अडिग स्वयं पर विश्वास !
चूमो धरती औ छुओ आकाश
मुट्ठी में तुम भर लो आकाश !

kam shabdon me badi bat...Vah bahut hi sundar rachana ka srijan badhi .

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...

रजनीश तिवारी ने कहा…

मुट्ठी में तुम भर लो आकाश !
बहुत अच्छी प्रेरणादायी रचना ...

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

आशीर्वचन व प्रेरणा से परिपूर्ण सुंदर रचना.

Jeevan Pushp ने कहा…

बहुत सुन्दर सन्देश !
मेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत है !
आभार !

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत ही बढ़िया।

सादर
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जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

Bahut sundar Bhaav Jenni ji.. Navvarsh par shubhkaamnayen

विभूति" ने कहा…

सार्थक पोस्ट.....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बढिया प्रस्तुति,मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति ......
WELCOME to--जिन्दगीं--
समर्थक बन रहा हूँ आपभी बने मुझे हार्दिक खुशी होगी,...

Rakesh Kumar ने कहा…

आपका हृदय कितनी सकारात्मक
उर्जा से ओतप्रोत है,यह आपकी
हर अभिव्यक्ति से प्रकट होता है.

ब्लॉग जगत धन्य है,और हम भी
बहुत सौभाग्यशाली हैं,आप जैसी
ब्लोगर की सुन्दर भावाभिव्यक्तियों
का अमृत रसपान करके.