चलो सत्य की राह
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बन सबल
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बन सबल
शक्तिमान तुम
करो आलिंगन
करो आलिंगन
संसार तुम
न हो धूमिल
न हो धूमिल
प्रकाश तुम्हारा
न उलझे कभी
न उलझे कभी
जीवन तुम्हारा
बाधा हो पर
बाधा हो पर
न हारे विश्वास
रहे अडिग
रहे अडिग
स्वयं पर विश्वास
चूमो धरती
चूमो धरती
औ छुओ आकाश
मुट्ठी में तुम
मुट्ठी में तुम
भर लो आकाश
कठिन सही
कठिन सही
पर न भूलो राह
चलो सदा
चलो सदा
तुम सत्य की राह।
- जेन्नी शबनम (जनवरी 7, 2012)
(बेटी परान्तिका के जन्मदिन पर)
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15 टिप्पणियां:
वाह....बहुत खूब रचना...बधाई
नीरज
बहुत कठिन है ! सत्यवादी मिलना मुश्किल है , इसीलिए अन्ना जैसे व्यक्ति भी असमंजस में है ! इससे बेहतर अनुशासित बने !
कठिन सही पर न भूलो राह
सदा चलो तुम सत्य की राह !
bilkul......
phir dekho satya kee aab
जेन्नी जी, व्यापकता लिए मधुर सन्देश देती पंक्तियाँ बधाई
न उलझे कभी जीवन तुम्हारा !
बाधा हो पर न हारे विश्वास
रहे अडिग स्वयं पर विश्वास !
चूमो धरती औ छुओ आकाश
मुट्ठी में तुम भर लो आकाश !
kam shabdon me badi bat...Vah bahut hi sundar rachana ka srijan badhi .
बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...
मुट्ठी में तुम भर लो आकाश !
बहुत अच्छी प्रेरणादायी रचना ...
आशीर्वचन व प्रेरणा से परिपूर्ण सुंदर रचना.
बहुत सुन्दर सन्देश !
मेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत है !
आभार !
बहुत ही बढ़िया।
सादर
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जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है
Bahut sundar Bhaav Jenni ji.. Navvarsh par shubhkaamnayen
सार्थक पोस्ट.....
बहुत बढिया प्रस्तुति,मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति ......
WELCOME to--जिन्दगीं--
समर्थक बन रहा हूँ आपभी बने मुझे हार्दिक खुशी होगी,...
आपका हृदय कितनी सकारात्मक
उर्जा से ओतप्रोत है,यह आपकी
हर अभिव्यक्ति से प्रकट होता है.
ब्लॉग जगत धन्य है,और हम भी
बहुत सौभाग्यशाली हैं,आप जैसी
ब्लोगर की सुन्दर भावाभिव्यक्तियों
का अमृत रसपान करके.
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