गुरुवार, 12 जनवरी 2012

314. मौसम बदलेगा (क्षणिका)

मौसम बदलेगा

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देह की बात मन की आँच कोई न समझा 
रुदन-क्रंदन कोई न सुना 
युग बीता, सब टूटा सब पथराया 
धूमिल आस, संबल नहीं पर विश्वास 
देर सही, मौसम बदलेगा। 

- जेन्नी शबनम (12. 1. 2012)
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20 टिप्‍पणियां:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बेहतरीन रचना...बधाई...

नीरज

vikram7 ने कहा…

देह की बात
मन की आँच
सब पथराया
कहाँ कोई
समझ पाया
सुन्दर रचना ,खासकर ये लाइनें

kshama ने कहा…

धूमिल आस
संबल नहीं
पर विश्वास
देर सही
मौसम बदलेगा !
Bahut khoob!

Rakesh Kumar ने कहा…

यदि विश्वास है
तो इसमें कोई भी संदेह नही
कि मौसम जरूर बदलेगा.

सरल शब्द,गहन भाव.
आपकी प्रेरक प्रस्तुति के लिए आभार.जेन्नी जी.

विभूति" ने कहा…

मन के भावो को शब्द दे दिए आपने......

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

देर सबेर मौसम जरूर बदलेगा,.
सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन रचना....
--काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--

mridula pradhan ने कहा…

देर सही
मौसम बदलेगा !
zaroor.......

रश्मि प्रभा... ने कहा…

देह को कोई बसंत बनाये - कम होता है ...
देह की परिधि में देह मर जाता है

रविकर ने कहा…

खूब-सूरत प्रस्तुति |
बहुत-बहुत बधाई ||

आशा बिष्ट ने कहा…

sundar kavy..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाह!
बहुत बढ़िया!
लोहड़ी पर्व के साथ-साथ उत्तरायणी की भी बधाई और शुभकामनाएँ!

Nidhi ने कहा…

बस यही उम्मीद....कि मौसम बदलेगा,काफी है.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत अच्छी रचना,सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन
नई रचना-काव्यान्जलि--हमदर्द-

***Punam*** ने कहा…

देह की बात
मन की आँच
सब पथराया
कहाँ कोई
समझ पाया,
रुदन-क्रंदन
कोई न सुना
प्रतीक्षा क्यों
युग बीता
सब टूटा,
धूमिल आस
संबल नहीं
पर विश्वास
देर सही
मौसम बदलेगा !


जेन्नी....
जिस दिन इतनी समझ आये...
समझिये कि मौसम उसी दिन से बदल गया.....

प्रेम सरोवर ने कहा…

देह की बात
मन की आँच
सब पथराया
कहाँ कोई
समझ पाया

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपकी प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।

vidya ने कहा…

बहुत सुन्दर..
उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है..

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

सहज साहित्य ने कहा…

युग बीता
सब टूटा,
धूमिल आस
संबल नहीं
पर विश्वास
देर सही
मौसम बदलेगा !
-आस्था का मन्त्र , जो दिल को ताकत दे ।

avanti singh ने कहा…

जीवन के प्रति सकारात्मक सोच दर्शाती बहुत ही उम्दा रचना ....मौसम बदलेगा.......

आप के ब्लॉग पर मेरा ये प्रथम आगमन है, ख़ुशी हुई आप के ब्लॉग पर आकर...फोलो कर रही हूँ,उम्मीद है आना जाना लगा रहेगा .......

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत ही बढ़िया । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है ।