तुम्हें पसंद जो है
तस्वीरों में तुम बड़े दिलकश लगते हो
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आँखों में शरारत, होंठों पर मुस्कुराहट
काली घनी लटें, कपाल को ज़रा-ज़रा-सी ढकती हुई
तस्वीर वही कहती है, जो मेरा मन चाहता है
मेरे मनमाफ़िक तस्वीर खिंचवाना, तुम्हें पसंद जो है।
- जेन्नी शबनम (18. 3. 2013)
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10 टिप्पणियां:
दिलकश अंदाज में बहुत उम्दा प्रस्तुति ...
Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
:-)))...बहुत सुंदर! अपने-अपने से भाव.....
~सादर!!!
वाह! अंतस के अहसासों की बहुत प्यारी अभिव्यक्ति..
सुंदर रचना
बधाई
'तस्वीर वही कहती है
जो मेरा मन चाहता है..'
- और सबसे अच्छी बात कि सामने रख कर जब चाहे कहलवा लो!
बहुत ही सुन्दर भाव,आभार.
दुनिया के बाज़ार में , रही प्रीत अनमोल ।
ले जाये जो दे सके , मन से मीठे बोल ।।
तस्वीर वही कहती है
जो मेरा मन चाहता है
ये तो कमाल ही कर दिया आपने
achchhi kavita
बहुत खूब ...
अपने अनुसार शब्द जो रख पाते हैं हम ... तभी तो तस्वीरें अच्छी लगती हैं ...
bahut pyari rachna...
shubhkamnayen
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