आधा-आधा
*******
तेरे पास वक़्त कम ज़िन्दगी बहुत
मेरे पास ज़िन्दगी कम वक़्त बहुत
आओ आधा-आधा बाँट लें, पूरा-पूरा जी लें।
- जेन्नी शबनम (28. 1. 2011)
_____________________
*******
तेरे पास वक़्त कम ज़िन्दगी बहुत
मेरे पास ज़िन्दगी कम वक़्त बहुत
आओ आधा-आधा बाँट लें, पूरा-पूरा जी लें।
- जेन्नी शबनम (28. 1. 2011)
_____________________
10 टिप्पणियां:
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
हम तो आपकी भावनाओं को शत-शत नमन करते हैं.
वाह ..बहुत खूब ...
sundar abhivyakti...!!
sundar abhivyakti...!!
waaaaaaaaaaaah
बहुत अच्छा सन्देश देती हुई काव्य क्षणिका!
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (31/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
आप तो सचमुच आत्मा को तृप्त करने वाली अनुभूति हमको परोस देती हैं ।वक़्त और ज़िन्दगी का इससे बढ़कर क्या बटवारा हो सकता है । आपकी ज़रख़ेज़ लेखनी सदा ऐसी ही बहुमूल्य रचनाओं को सामने लाती रहे ।बहुत-बहुत आभार !
आदरणीया जेन्नी शबनम जी
नमस्कार !
बहुत शानदार त्रिवेणी है
…पूरा पूरा जी लें ! वाह ! क्या बात है !
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
कम शब्दों में बड़ी बात ..वाह
एक टिप्पणी भेजें