मीठी-सी बोली
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1.
मीठी-सी बोली
मातृभाषा हमारी
ज्यों मिश्री घुली।
2.
हिन्दी है रोती
बेबस व लाचार
बेघर होती।
3.
प्यार चाहती
अपमानित हिन्दी
दुखड़ा रोती।
4.
अंग्रेज़ी भाषा
सर चढ़के बोले
हिन्दी ग़ुलाम।
5.
विजय-गीत
कभी गाएगी हिन्दी
आस न टूटी।
6.
भाषा लड़ती
अंग्रेज़ी और हिन्दी
कोई न जीती।
7.
जन्मी दो जात
अंग्रेज़ी और हिन्दी
भारत देश।
8.
मन की पीर
किससे कहे हिन्दी
है बेवतन।
9.
हिन्दी से नाता
नौकरी मिले कैसे
बड़ी है बाधा।
10.
हमारी हिन्दी
पहचान मिलेगी
आस में बैठी।
- जेन्नी शबनम (14. 9. 2018)
(हिन्दी दिवस)
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6 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (16-09-2018) को "हिन्दी की बिन्दी" (चर्चा अंक-3096) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर हाइकु
सभी हाइकू कमाल के ...हिंदी भाषा दिवस का मान रखते हुए ...
You have writen such a excellent lint, we are Online Book Publisher in India,Print on Demand India
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
लाजवाब हायकू...
वाह!!!
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