मदिरा का नशा
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तुमने तो जाना है
मदिरा नशा है
नशा जो जीवन छीन लेता है
मदिरा जो मतवाला बना देती है,
मदिरा का नशा
तुम क्या जानो दोस्त
घूँट-घूँट पीकर
जब मचलती है ज़िन्दगी
यूँ मानो हमने जीवन को पिया है
पल-पल को जिया है,
सिगरेट के छल्लो में
जब उड़ती है ज़िन्दगी
मेरे दोस्त! क्या तुमने देखी है उसमें
ज़िन्दगी की तस्वीर,
कश-कश पीकर
जब चहकती है ज़िन्दगी
यूँ मानो हमने जीत ली तक़दीर
बदल डाली हाथों की लकीर,
पर मदिरा का नशा जब उतरता है
धुआँ-धुआँ साँसें
उखड़ी-उखड़ी चाल
कमबख़्त बस बदन टूटता है
मगज़ कब कहाँ कुछ भूलता है,
मदिरा के नशे ने
पल-पल होश दिलाया है
जालिम ज़िन्दगी ने जब-जब तड़पाया है,
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है।
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तुमने तो जाना है
मदिरा नशा है
नशा जो जीवन छीन लेता है
मदिरा जो मतवाला बना देती है,
मदिरा का नशा
तुम क्या जानो दोस्त
घूँट-घूँट पीकर
जब मचलती है ज़िन्दगी
यूँ मानो हमने जीवन को पिया है
पल-पल को जिया है,
सिगरेट के छल्लो में
जब उड़ती है ज़िन्दगी
मेरे दोस्त! क्या तुमने देखी है उसमें
ज़िन्दगी की तस्वीर,
कश-कश पीकर
जब चहकती है ज़िन्दगी
यूँ मानो हमने जीत ली तक़दीर
बदल डाली हाथों की लकीर,
पर मदिरा का नशा जब उतरता है
धुआँ-धुआँ साँसें
उखड़ी-उखड़ी चाल
कमबख़्त बस बदन टूटता है
मगज़ कब कहाँ कुछ भूलता है,
मदिरा के नशे ने
पल-पल होश दिलाया है
जालिम ज़िन्दगी ने जब-जब तड़पाया है,
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है।
- जेन्नी शबनम (15. 1. 2012)
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27 टिप्पणियां:
तुम क्या जानो दोस्त
घूँट-घूँट पीकर
जब मचलती है ज़िंदगी
यूँ मानो
हमने जीवन को पिया है... बहुत ही बढ़िया
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है !
बेहतरीन पंक्तियाँ।
सादर
आज की कविता बात अलग हट के कह रही है. सटीक बात कह रही है सरल शब्दों में
nashaa to nashaa hotaa
sar par chadh jaaye to
dukhdaayee ho jaataa
nice one
ओह! मदिरा का नशा
जब चढा तो बहुत हसीं लगा
उतरा तो जमीं में जा गडा.
अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार,जेन्नी जी.
यूँ मानो
हमने जीत ली तकदीर
बदल डाली हाथों की लकीर,
.....क्या बात है ....!
बहुत बढ़िया लाइने हैं यह !
:-)
यानि पी जाये या ना पी जाये???
just joking...nice poem.
regards.
बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट " हो जाते हैं क्यूं आद्र नयन पर ": पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद। .
wah.......bahot achchi......
बहुत अच्छी प्रस्तुति,बेहतरीन पोस्ट..
new post...वाह रे मंहगाई...
बहुत बढ़िया रचना !
आभार !
Jeevan ke mashe mein, pyaar ke nashe meion jo rahta hai vo madire ke nashe ko nahi jeena chaahta ...
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है !
कविता अच्छी लगी । भाव भी मन को छू गए । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा .धन्यवाद ।
नशा। एक छलावा मात्र ! दुनिया और दुखों से भागने का उपक्रम मात्र। और इस भागने में वह स्वयं को कितना कमज़ोर बना देता है!
"कश-कश पीकर
जब चहकती है ज़िन्दगी"
वाह!
Shabanam ji madira aur jindgi ke utar -chadhawon ko jodati hui yah rachana vakai bahut prabhavshali lgi ......ak sundar prastuti ke liye bahut bahut abhar.
मदिरा के नशा ने
पल पल होश दिलाया है
जालिम ज़िन्दगी ने
जब जब तड़पाया है
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है !
बहुत सुंदर है आपकी कविता । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।.
ये दोनों ,व्यक्ति के साथ साथ उसके परिवार को भी
नहीं बख्शते.सुंदर संदेश...
ज़िंदगी का नशा..प्यार का नशा...मदिरा से ज्यादा सर चढ के बोलता है....सच!!
जेन्नी जी,मेरी टिपण्णी दिखलाई नही पड़ रही है.
आपका मेरे ब्लॉग पर इंतजार रहता है जी.
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट्स पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
मदिरा का नशा
जब उतरता है
धुंआ धुंआ सांसें
उखड़ी उखड़ी चाल
कमबख्त बस बदन टूटता है
मगज कब कहाँ कुछ भूलता है,
मदिरा के नशा ने
पल पल होश दिलाया है
जालिम ज़िन्दगी ने
जब जब तड़पाया है
नशा चाहे कोई भी हो मतवाला बना देता है
जीवन को ढोने के लिए नशीला बना देता है
अच्छी प्रस्तुति ....
वाह ....सधे शब्दों में सार्थक कविता
जिंदगी को सन्देश देती ....अगर कोई माने तो
NASHA ACHCHHA LAGA DI:)
बेहतरीन अभिव्यक्ति ...
कौन जाने वक़्त का मिजाज़
कौन करे किससे सवाल
कुछ पल की सारी कहानी है
फिर वही दुनियादारी है !....बढिया, .बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
sundar abhivyakti...
बेहतरीन रचना, सुन्दर संदेश....
कृपया इसे भी पढ़े-
क्या यही गणतंत्र है
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