शुक्रवार, 27 जून 2014

459. कैनवस

कैनवस

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एक कैनवस कोरा-सा   
जिसपे भरे मैंने अरमानों के रंग  
पिरो दिए अपनी कामनाओं के बूटे  
रोप दिए अपनी ख़्वाहिशों के पंख  
और चाहा कि जी लूँ अपनी सारी हसरतों को  
उस कैनवस में घुसकर  
आज वर्षों बाद वही कैनवस  
रंगों से भरा हुआ   
उमंगों से सजा हुआ चहक रहा था  
उसके रंगों में   
एक नया रंग भी दमक रहा था   
मेरे भरे हुए रंगों से  
एक नया रंग पनप गया था     
वह कैनवस 
आज अपने मन माफ़िक रंगों से खिल रहा था   
उसमें दिख रहे थे मेरे सपने  
उसके पंख अब कोमल नहीं थे    
उम्र और समझ की कठोरता थी उनमें    
आकाश को पाने और ज़मीन को नापने का
हुनर था उनमें   
आज यही जी चाहता है   
वह कैनवस, मेरे सपनों के रंग को बसा रहने दे  
और भर ले अपने सपनों के रंग   
चटख-चटख, प्यारे-प्यारे, गुलमोहर-से   
जो अडिग रहते पतझड़ में   
मढ़ ले कुछ ऐसे नक्षत्र  
जो हर मौसम में उसे ऊर्जा दे  
गढ़ ले ऐसे शब्द   
जो भावनाओं की धूप से दमकता रहे  
बसा ले धरा और क्षितिज को अपनी आत्मा में    
सफलताओं के उत्सव में आजीवन खिलता रहे  
आज चाहती हूँ 
कहूँ उस कैनवस से- 
तमाम कुशलता से रँग ले  
अपने सपनों का कैनवस।   

- जेन्नी शबनम (22. 6. 2014)
(पुत्र अभिज्ञान सिद्धांत के 21 वें जन्मदिन पर)
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14 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

प्रियवर सिद्धान्त को शुभाशीष और
आपको शुभकामनाएँ।
सिद्धान्त बेटा मेरी ओर से
जन्मदिन की बधायी स्वीकार कीजिए।
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आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-06-2014) को "ये कौन बोल रहा है ख़ुदा के लहजे में... " (चर्चा मंच 1658) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

Anupama Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर भाव ...मेरी शुभकामनायें ....!!

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत बढिया

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अभिज्ञान के 21वें जन्मदिन पर उसे ढेरों शुभकामनाऐं । बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

पुत्र के जन्मदिन की बधाई !
उम्मीदों की डोली !

आशीष अवस्थी ने कहा…

बहुत ही सुंदर लेखन और बढ़िया विचार , आ. जेन्नी जी धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

सहज साहित्य ने कहा…

कैनवास के माध्यम से आपने जीवन के सौन्दर्य और उसके महत्त्व को प्रतिपादित किया है। आपकी इस कविता का प्रबाह बहुत प्रभावित करता ।

Asha Joglekar ने कहा…

वह कैनवस भर ले अपने भी सपनों के रंग मेरे सपनों के रंगों के साथ।
आमीन।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...शुभकामनायें!

Neeraj Neer ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. मेरी कामना है कि कैनवास हमेशा विविध रंगों से सराबोर रहे ...

Satish Saxena ने कहा…

मंगलकामनाएं !!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सुन्दर रंग जीवन में यूँ ही महकते रहें ...
बेटे को जनम दिन की शुभमनाएं ...

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत ही सुंदर और प्रवाहमयी रचना. मेरी ओर से भी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएँ...

Guzarish ने कहा…

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति